Hindu Unique Temple: इस साल रक्षाबंधन (Raksha bandhan) का पर्व 30 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन के त्योहार पर न केवल बहने भाई को राखी बांधती है बल्कि भगवान श्रीकृष्ण को भी राखी बांधती हैं. लेकिन क्या जानते हैं ऐसा इतिहासिक मंदिर के बारें में जो भारत में स्थित है जो सिर्फ रक्षाबंधन (Raksha bandhan) के दिन खोला जाता है. आइए इस लेख के जरिए जानते है क्या है इस भव्य मंदिर का इतिहास
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इस मंदिर के कपाट सिर्फ खुलते है रक्षाबंधन पर ही
आपको बता दें उत्तराखंड के चमौली जिले में बंशीनारायण या वंशीनारायण नाम का एक मंदिर स्थापित है. जहां भक्त पहाड़ों के रास्ते पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं. इस मंदिर के कपाट साल में सिर्फ रक्षाबंधन (Raksha bandhan) के दिन ही खोले जाते हैं. जानकारी के मुताबिक बता दें वंशी नारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. देवभूमि उत्तराखंड का एक अकेला ऐसा धाम है जहां श्रद्धालु केवल रक्षाबंधन के दिन ही विष्णु जी के दर्शन कर पाते हैं. आपको बता दें इस मंदिर के कपाट सिर्फ सूर्योदय के समय में ही खुलते हैं और सूर्यास्त होने के बाद पूरे साल के लिए बंद कर दिए जाते है.
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क्या है वंशी नारायण मंदिर का इतिहास
वंशी नारायण मंदिर (Banshi Narayan Mandir History) की महिमा बेहद निराली है. दरअसल इस भव्य मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन कहानी है कहा जाता है भगवान विष्णु जी अपने वामन अवतार से मुक्त होने के बाद सबसे पहले इसी मंदिर में प्रकट हुए थे. इसके बाद यहां भगवान नारायण (Banshi Narayan) की पूजा- अर्चना सबसे पहले देव ऋषि नारद ने की थी. इसी कारण से यहां पर श्रद्धालु को केवल एक ही दिन पूजा करने का अधिकार मिला हुआ है.
मंदिर से जुड़ी रोचक बातें
•बता दें इस मंदिर (Banshi Narayan Mandir) के पास एक भालू गुफा मौजूद है. रक्षाबंधन (Raksha bandhan) के दिन यहां बड़ा आयोजन होता है. माना जाता है कि हर घर से मक्खन लाया जाता है और इस मक्खन को प्रसाद में मिलाकर भगवान के भोग लगाया जाता है.
•ऐसा भी कहा जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण और कल्याणकारी भोलेनाथ की मुर्ति मौजूद हैं.