Election 2024: साल 2024 ! इधर भारत को भी इस साल का इन्तजार है तो उधर अमेरिका के लोग भी अगले साल का कर रहे हैं। भारत में लोकसभा के चुनाव होने हैं तो अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव होने हैं। भारत में सत्तासीन बीजेपी के सामने चुनौती है तो अमेरिका में डेमोक्रैट और रिपब्लिकन के बीच टक्कर है। भारत में एम् तरफ एनडीए है तो दूसरी तरफ इंडिया का गठजोड़ है। दोनों गठबंधन एक दूसरे को ललकार रहे हैं। एक दूसरे के खिलाफ आग उगल रहे हैं। एक दूसरे की इज्जत उतार रहे हैं। और जनता हर भाषण में तालियां बजा रही है।
लेकिन भारत में जो होगा सो होगा। उधर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ही भारत की तर्ज पर जाति और धर्म कुलांचे मार रहे हैं। इस बार विपक्ष की पार्टी रिपब्लिकन के भीतर ही राष्ट्रपति के कई उम्मीदवार हैं। सबसे बड़े उम्मीदवार तो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ही है। यह बात और है कि तरुम कई मामलों में फंसे हैं। उनपर मुकदमा भी दर्ज हुए हैं। जेल भी गए और इसके साथ ही कई और भी गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन वे अगले राष्ट्रपति के लिए बड़े उम्मीदवार भी हैं। उधर इसी पार्टी की तरफ से तीन भारतीय भी राष्ट्रपति के उम्मीदवार बने हैं। इन तीनो में सबसे ज्यादा नाम निक्की हेली और विवेक रामास्वामी के प्रचारित हो रहे हैं। एक और नाम हैं हर्षवर्धन सिंह। कह सकते कि तीन भारतीय समुदाय के लोग इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर डेमोक्रेट के भीतर लड़ाई लड़ रहे हैं।
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प्रचार और भाषणबाजी का दौर जारी है। इसी बीच एक अमेरिकी लेखिका ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर रिपब्लिकन पार्टी की ओर से प्रबल दावेदार विवेक रामास्वामी और निक्की हेली पर नस्लीय टिप्पणी कर माहौल को गरमा दिया है। लेखिका कुल्टर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर किये पोस्ट में हिन्दू शब्द की इंट्री करा दी है। लेखिका कुल्टर ने अपने पोस्ट में लिखा है कि निक्की और विवेक दोनों हिन्दू बिजनेस में लगे हुए हैं। इसे नस्लीय टिप्पणी माना गया है। और सोशल मीडिया पर इस बात की काफी आलोचना की जा रही है। हालांकि विवेक रामास्वामी ने कि वह इस बात पर ध्यान नहीं देते। लेखिका को जो कुछ भी कहना है वह कह सकती है। उधर निक्की ने अभी इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
बता दें कि जनता के बीच अभी निक्की हेली और विवेक के बीच संघर्ष जारी है। पिछले दिनों निक्की हेली और विवेक ने अमेरिका की विदेश नीति के अलावा यूक्रेन और इजरायल को दी जा रही सहायता पर अपना -अपना पक्ष रखा। इसको लेकर ही अमेरिकी लेखिका कोल्टर ने पोस्ट में लिखा कि निक्की और विवेक किसी हिन्दू बिजनेस में लगे हैं।
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अमेरिका में पहली बार इस तरह के जातीय और धार्मिक शब्द चुनाव के दौरान उठ रहे हैं। जानकार कह रहे हैं कि जिस तरह से भारतीय लोग अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उतर रहे हैं उससे कुछ स्थानित लोग शायद बिफर रहे हैं। कोल्टर के बयान को इसी रूप में देखने की जरूरत है। हालांकि अमेरिका में नस्लीय बातें बहुत कम की जाती है लेकिन जिस अंदाज में लेखिका कोल्टर ने अपनी बातें कही है हो सकता है इस तरह की बात आगे और भी उठने लगे।
यहां बता दें कि भारतीय -अमेरिकी मूल के तीन दावेदार विवेक रामास्वामी ,निक्की हेली और हर्षवर्धन सिंह रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को चुनौती दे रहे हैं। बेशक ट्रम्प वर्तमान में रिपब्लिकन पार्टी के अन्य उम्मीदवारों की तुलना में काफी आगे चल रहा है। लेकिन मजे की बात तो यह है कि इस बार का अमेरिकी चुनाव भी भारत के लोकसभा चुनाव की तरह ही चुनौती भरा है। भारत में बीजेपी की घेराबंदी हो रही है तो अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रैट के बीच भीषण लड़ाई है और सबसे ज्यादा लड़ाई दोनों पार्टियों के बीच भी है। और इस लड़ाई में नस्लीय खेल से जुड़े और भी कई बातें हो सकती है।