अयोध्या के बाद ज्ञानवापी में भी हो गई सनातन की ‘महाविजय’, पूजा करने का मिल गया अधिकार!
Gyanwapi Court Decision:अयोध्या तो बस झांकी है, काशी मथुरा-बाकी है… जी हां अब ये नारा पूरा होता हुआ दिख रहा है। अयोध्या में तो मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का मंदिर बन रहा है, लाखों की संख्या में रामभक्त रामलला के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। लेकिन अब वाराणसी (Varanasi) में भी हिंदुओं की बड़ी जीत हो गई है।
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दरअसल आपको बता दें कि ज्ञानवापी (Gyanwapi) का मुद्दा कोर्ट में है, और आज कोर्ट ने आदेश दिया कि अब वाराणसी में ज्ञानवापी तहखाने में पूजा-पाठ हो सकेगी। ये आदेश जिला न्यायालय की तरफ से दिया गया है। इस आदेश के बाद हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल है। वाराणसी से लेकर मथुरा तक मिठाईं बांटी जा रही है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार मिलने पर कहा कि व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ की इजाजत की इजाजत मिल गई है। व्यास परिवार अब तहखाने में पूजा पाठ कर सकेगा। दरअसल आपको बता दें कि हिंदू पक्ष ने भी व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ करने की इजाजत मांगी थी, जिस पर जिला कोर्ट ने मुहर लगा दी है। बताया जाता है कि सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक ज्ञानवापी तहखाने में पूजा पाठ करता था, लेकिन 1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार ने पूजा पर रोक लगा दी थी और ये आदेश दिया था कि अब तहखाने में पूजा पाठ नहीं होगी। जिसके बाद तहखाने में पूजा पाठ बंद हो गई थी। लेकिन अब एक बार फिर से ज्ञानवापी मामले में हिंदुओं की बड़ी जीत हुई है और पूजा पाठ की इजाजत मिल गई है। ASI की टीम ने जब इस मामले में सर्वे किया तो टीम को कई सबूत भी मिले थे।
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ज्ञानवापी मंदिर ही है…!
दरअसल आपको बता दें कि अयोध्या की तरह वाराणसी का मुद्दा भी कोर्ट में सालों से है, लेकिन हिंदू पक्ष को आज भी न्याय मिलने का इंतजार है। ASI की 839 पन्नों वाली सर्वे रिपोर्ट में मंदिर मिलने के सबूत भी पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार जहां ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई थी वहां पर पहले से ही मंदिर मौजूद है। ASI ने अपनी रिपोर्ट में तस्वीरों के साथ इस बात के प्रमाण भी दिए। जिसमें इस बात का दावा किया गया कि मंदिर को तोड़कर ही मस्जिद का निर्माण कराया गया। ASI ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया कि ज्ञानवापी परिसर में मंदिर होने के 32 सबूत मिले हैं। ज्ञानवापी का धार्मिक स्वरूप हिन्दू मंदिर का है और मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई गई। ज्ञानवापी के खंभों पर हिन्दू देवी देवताओं के प्रतीक चिन्ह होने का भी दावा किया गया है। वहीं ज्ञानवापी के खंभों पर पशु पक्षियों के चिन्ह मिलने की भी सर्वे रिपोर्ट में बात कही गई है। ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने वाली ASI की टीम ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर हिंदू मंदिर का बचा हुआ हिस्सा आज भी मौजूद है। यानी की साफ है कि जहां पर मस्जिद को बनाया गया था वहीं पर पहले मंदिर मौजूद था। दावा ये भी है मस्जिद को मंदिर के स्तंभों के ऊपर ही बनाया गया है। वहीं ज्ञानवापी में शिलालेख मिलने की भी बात कही गई है जो प्राचीन देवनागरी, तेलगु और कन्नड़ भाषा में लिखे हुए हैं।