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Agnipath Yojana Violence: राजनेताओं के भड़काने पर सुलगा बिहार, आगजनी में रेलवे को 200 करोड़ सम्पत्ति राख

नई दिल्ली/पटना: भारतीय सेना में भर्ती के लिए 14 जून को लायी गयी अग्निपथ योजना के विरोध में देश भर के13 राज्यों में हिंसात्मक प्रदर्शन, आगजनी और तोड़फोड की घटनाओं के बारे में कई नये खुलासे हुए हैं। सबसे ज्यादा विरोध बिहार में हो रहा है और इन सब घटनाओं के पीछे युवाओं को राजनेताओं के भड़काने की बात सामने आयी है। एक टीवी चैनल ने दावा किया है किअग्निपथ योजना के विरोध का राजनीतिक कनेक्शन है। एक राजनेता ने हिंसा कराने के लिए बच्चों को सौ रुपये देकर विरोध प्रदर्शन को लिए बुलाया था, इस बात को बच्चों ने कैमरे के सामने स्वीकार किया है।

बिहार की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां हिंसात्मक प्रदर्शनकारियों ने रेलवे को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। प्रदर्शनकारियों ने बिहार में ही विभिन्न रेलगाड़ियों के 50 बोगियों को आग के हवाले कर दिया और पांच इंजनों को भी फूंक डाला। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों और प्लेटफॉर्मों पर की गयी तोड़फोड़ में अब तक 200 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति का नुकसान हो चुका है। पूरे बिहार में उपद्रव के कारण राज्य के 15 जनपदों में 19 जून तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं। साथ ही एक दर्जन से अधिक रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया है। बिहार के जिन जनपदों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गयी हैं, उनमें मसौढी, समस्तीपुर, नवादा, कैमर, वैशाली, पूर्वी चम्पारण, दक्षिणी चम्पारण, भोजपुर, औरंगाबाद, गोपालगंज आदि जनपद शामिल हैं।

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अग्निपथ योजना के विरोध में पिछले चार दिन से हो रहे हिंसात्मक प्रदर्शन में बिहार में अब तक 90 से अधिक एफआईआर दर्ज की गयी हैं, जबकि 305 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यूपी में भी 15 एफआईआर दर्ज हुई हैं और अलीगढ, आगरा, बलिया, वाराणसी, नोएडा, बुलंदशहर आदि जनपदों में 20 से अधिक आरोपियों को गिफ्तार कर चुके हैं।

उधर बिहार के उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने बिहार के युवाओं से किसी के बहकावे में न आने की अपील की है। उनका कहना है कि जो दल युवाओं के लिए कभी कुछ नहीं कर सके, वे अब उन्हें भड़काकर उनका आपराधिक रिकार्ड बनाने पर तुले हैं। उप मुख्यमंत्री का कहना है कि अग्निपथ योजना के विरोध में तोड़फोड़, आगजनी करने वाले लोग सेना में भर्ती के इच्छुक या नहीं हैं, बल्कि वे विपक्षी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता हैं। बहुत जल्द ही कई राजनीतिक दलों के नेताओं की असलियत सामनने आ जाएगी।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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