UP Political News Update’s Today Hindi: कहते हैं ना की राजनीति में रिश्ते नहीं होते और कोई भी वक्ति किसी का भी सगा नहीं होता। यहां सतरंज के विसाद पर सभी अपनी-अपनी चले चलते है, क्योंकि यहां सभी जितना चाहतें है मात किसी को नहीं पसंद, फिर चाहे इस शह और मात की लड़ाई में किसी की भी कुर्बानी देनी हो या कोई कीमत चुकानी हो राजनीति इसके लिए तैयार होती है। अपनी राजनैतिक महत्वकांछाओं की पूर्ति के लिए ये नेता किसी के आगे नतमस्तक हो और सत्ता के शिखर पर पहुंचने के लिए राजनीति के सबसे निचले स्तर तक जाने के लिए तैयार होते हैं। यहां रिश्ते नहीं कुर्सी बचाने वाले फरिस्तों की पूजा होती है, कौन जाने कब कौन किसे सत्ता के अर्श से उठाकर फर्श पर पटक दे, ऐसे में जितने के लिए कौन कहां और किसके साथ चुनाव में खड़ा हो जाए पता ही नहीं चलता।
सपा-अपना दल कमेरावादी की राहें अलग हो गई हैं। अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वह अपनी पार्टी के साथ नहीं हैं। वहीं, पल्लवी पटेल ने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि वह भारत में गठबंधन में है या नहीं।
बीजेपी को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन बना, लेकिन धीरे-धीरे इसके साथी छूटते जा रहे हैं। इंडिया गठबंधन के पार्टियों को एक करने वाले बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बीजेपी में जाने के बाद इंडिया गठबंधन में भगदड़ सी मच गई। उसके बाद इंडिया गठबंधन से एक-एक कर पार्टी अलग होती जा रही हैं। वहीं, यूपी में सीट बंटवारे को लेकर सपा अध्यक्ष शुरू से कह रहे थे कि उत्तर प्रदेश में हम सीटों पर समझौता नहीं करेंगे। उनका संदेश साफ था कि अगर आपको इंडिया गठबंधन में लड़ना भी है तो सपा की ओर से दी गई सीटों पर ही लड़ना होगा और हुआ भी वहीं, कांग्रेस को सपा ने जितनी सीटें दीं, वह उतने पर राजी हो गई है, लेकिन अखिलेश यादव अपने सहयोगी पार्टियों को नहीं संभाल पाई।
सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पाने के बाद सपा के सहयोगी रहे सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर बीजेपी में शामिल हो गये। इसके बाद आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी भी बीजेपी में शामिल हो गए। अब अपना दल कमेरावादी भी सपा से अलग हो गया है। पल्लवी पटेल का अखिलेश यादव के साथ सीटों को लेकर और पीडीए मुद्दे पर काफी समय से नाराजगी चल रही थी, लेकिन गुरुवार को अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि अपना दल कमेरावादी अब उनके साथ नहीं है। वहीं, शुक्रवार को पल्लवी पटेल ने कहा कि अब कांग्रेस को तय करना है कि अपना दल कमेरावादी इंडिया गठबंधन है या नहीं। अब पूरी तरह से कांग्रेस के पाले में पल्लवी पटेल ने गेंद डाल दी है। देखना होगा कि कांग्रेस क्या करती है।
नए साथी की तलाश में अपना दल कमेरावादी
वहीं, सूत्रों की मानें तो अपना दल ने नये कमेरावादी साथी की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि अपना दल और बीएसपी के बीच बातचीत चल रही है। इस कारण उनका मीरजापुर, फूलपुर और कौशांबी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान रद्द कर दिया गया है। सूत्रों की मानें तो अपना दल कमेरावादी ये फैसला बसपा से चल रही बातचीत की वजह से लिया है।