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AAP Lok Sabha Elections 2024: आम आदमी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं, आतिशी की सक्रियता से पार्टी के कई नेता परेशान!

All is not well in Aam Aadmi Party, many party leaders are upset due to Atishi's activism!

AAP Lok Sabha Elections 2024: एक पार्टी चुनाव में दूसरी पार्टी से लड़ती जरूर है। एक पार्टी कभी नहीं चाहती कि उसकी हार हो। कोई भी पार्टी यही चाहती है कि सत्ता -सरकार उसी की हो और सामने वाली पार्टी का नामोनिशान ख़त्म हो जाए। लेकिन अगर पार्टी के भीतर की बात की जाए तो सभी पार्टियों के भीतर भी नेताओं के बीच इस बात की होड़ मची होती है पार्टी के भीतर उसकी पूछ ज्याद हो और पार्टी की कमान उसी की हाथ में हो। फिर कौन नेता नहीं चाहता कि वह सत्ता सरकार में शामिल हो और मौका मिले तो सीएम की कुर्सी भी मिल जाए।

डेली की आमदमी पार्टी की सरकार में आजकल कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। आप के कई नेता आज भी जेल में हैं। लम्बे समय से वे जेल में है। यहाँ तक कि सीएम केजरीवाल भी जेल में बंद हैं। यह बात और है कि अभी हाल में ही पार्टी बड़े नेता और सांसद संजय सिंह को बेल मिली है और वे पार्टी को आगे बढ़ाने में सक्षम भी हैं। लेकिन जिस तरह से केंद्रीय एजेंसियों की नकेल आम आदमी पार्टी के नेताओं पर है उससे साफ़ लगता है कि आसन्न लोकसभा चुनाव तक आप के नेताओं का जेल से निकलना मुश्किल जैसा है।

लेकिन यहाँ कहानी कुछ और ही है। केजरीवाल के जेल जाने के बाद पार्टी काफी कमजोर हुई है। हालांकि पार्टी में अभी भी एकजुटता बनी हुई है लेकिन पार्टी के भीतर शीट युद्ध भी चल रहा है। केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के जेल जाने से पार्टी के भीतर अनुभव वाले नेताओं की कमी हो गई है और पार्टी के भीतर एक दूसरे नेताओं के प्रति अविश्वास भी बढ़ता जा रहा है। अब कहा जा रहा है कि अगर केजरीवाल को लम्बे समय तक जेल में रहना पड़ता है तो पार्टी के भीतर फुट  सकती है और पार्टी के कई नेता बगावत भी कर सकते हैं।

बता दें कि अभी आप नेता आतिशी की महत्ता काफी बढ़ती  गई है। वही बहुत कुछ निर्णय ले रही है और लगभग हर जगह दिखाई भी पद रही है। आतिशी की आगे बढ़ने की कहानी से आप के कई नेता काफी  आ रहे हैं। आतिशी की सक्रियता कई नेताओं को खटक भी रही है।

सूत्रों को माने तो केजरीवाल के जेल जाने के बाद आतिशी खुद को सीएम मान रही है। यही वजह है कि उसके ऊपर सरकार के कामकाज से लेकर संगठन के कामो का भी भार है। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ भी वह हर समय दिखाई पड़ती है। शायद ऐसा मैसेज देने की कोशिश की जा रही है कि सुनीता केजरीवाल भी उनकी ही सलाह पर आगे बढ़ती दिख रही है।

सूत्रों की माने तो सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज आतिशी के कई फैसले से खुश नहीं हैं। वे परोक्ष रूप से केजरीवाल के फैसले पर भी सवाल उठाते हैं। पिछले दिनों भारद्वाज के यूट्यूब चैनल को साक्षात्कार दे रहे थे और उस समय पंजाब के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि पता नहीं क्यों हरभजन सिंह हमारे लिए स्पिन नहीं दे रहे हैं। इसके पीछे की कहानी जो भी हो लेकिन कहा जा रहा है कि जब पार्टी अभी संकट में हैं तो पंजाब से कई नेता लापता हैं। केवल भगवंत मान सिंह थोड़ी  सक्रियता दिखा रहे हैं।

पंजाब से आप के सात राज्यसभा सांसद हैं। इनमे हरभजन सिंह और राघव चड्ढा को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी है। चढ़ अपनी आँख की सर्जरी के लिए लंदन में बैठे हैं। पिछली बार स्वाति मालीवाल को भी राजयसभा में भेजा गया और आजकल वह भी अमेरिका में बैठी है। उनकी बहन का इलाज चल रहा है।

जाहिर है आप के कई राज्यसभा सांसद अभी सीन से बाहर हैं। लेकिन संजय सिंह के बाहर आने के बाद आप को थोड़ी रहत जरूर हुई है। लेकिन जिस तरह से आतिशी की सक्रियता बढ़ती जा रही है उससे आप के भीतर आगे क्या हो सकता है इसको लेकर संशय बना हुआ है। स्वाति मालिवाल और रज्जव चड्ढा के प्रमोशन से भी आप के भीतर कई नेता काफी नाराज होते दिख रहे हैं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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