दोमाना (जम्मू)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के J & K दौरे पर हैं। इस कारण पूरे जम्मू कश्मीर में हाई अलर्ट है। इसके बावजूद दोमाना शहर के उदयवाला में सोमवार की रात डीजीपी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या कर दी गयी। डीजी जेल की हत्या को शक उनके घरेलू सहायक यासिर अहमद पर है। रामबन निवासी यासिर घटना के बाद से फरार है।
इसी बीच आंतकवादी संगठन TRF (The Resistance Front) के प्रवक्ता तनवीर अहमद राठर के बयान से सनसनी फैला दी है। TRF (The Resistance Front) ने डीजीपी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या की जिम्मेदारी ली है।
TRF का कहना है कि यह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनके J & K दौरे आगमन पर तोहफा है। हालांकि पुलिस ने हेमंत कुमार लोहिया की हत्या टेरर एंगल से होने के इंकार किया है।
उधर डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या की खबर उनके दोस्त संजीव खजूरिया ने दी थी। खजूरिया ने एडीजीपी मुकेश सिंह को फोन करके घटना के बारे में बताया था। जम्मू कश्मीर के एडीजीपी मुकेश सिंह, एडीजीपी आलोक कुमार, डीआईजी विवेक गुप्ता आदि आला अफसर मौके पर पहुंचे थे।
लोहिया की हत्या बहुत की बेरहमी से की गयी। हत्यारे ने केवल उनकी गर्दन रेती, बल्कि कांच की बोतल से पेट व बाजू में भी कई वार किये। इससे उनके पेट की आंत तक बाहर निकाल आयी थीं। हत्यारे ने उनके ऊपर तकिया व कपड़े डाले और केरोसिन को तेल छिड़ककर आग लगा दी थी।
मृतक डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया 1992 बैच के आईपीएस थे। वे वरिष्ठता क्रम में सातवें नंबर के आईपीएस थे। इससे बावजूद डीजीपी की रेस में सबसे आगे थे। इससे पहले भी कई डीजीपी जेल ही डीजीपी बने हैं।