Anantnag (Kashmir) Encounter: हिंदुस्तान के वीर और भारत माता के सपूत बॉर्डर पर सीना ताने खड़े हैं। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। भारतीय सेना आतंकियों के खिलाफ धुआंधार सर्च ऑपरेशन चला रही है। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हिंदुस्तान के योद्धाओं को बड़ी सफलता मिली है। भारतीय सेना ने अनंतनाग में चल रहे एनकाउंटर ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े कुख्यात आतंकवादी उजैर खान को मार गिराया। दरअसल आपको बता दें कि अनंतनाग मे आतंकियों से लोहा लेते हुए देश ने 3 जवान खो दिए। जिसके बाद देश में आतंकियों के खिलाफ गुस्सा था। हर हिंदुस्तानी सेना से ये मांग कर रहा था कि आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया और पिछले 7 दिनों से चल रहे एनकाउंटर में भारतीय सेना लगातार आतंकियों को ढेर कर रही है। इसी कड़ी में ऑपरेशन के सातवें दिन भारतीय सेना को बड़ी कामयाबी हासिल हुई और आतंकवादी उजैर खान को मार गिराया। जिसके बाद हिंदुस्तान की सेना अब ये पता लगाने में लगी हुई है कि आतंकी का सहयोगी कौन है और साथ ही आतंकी के पास क्या-क्या सामग्री है।
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चुन-चुन कर मारेंगे…!
भारतीय सेना ने अब ये ठान लिया है कि घाटी से आतंकियों को पूरी तरीके से सफाया करना है। तभी तो भारतीय सेना आतंकियों को चुन-चुन कर मार रही है। अनंतनाग मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है। घने जंगलों में, आतंकवादियों द्वारा उत्पन्न किसी भी खतरे की तलाश में सैनिक सावधानी से चप्पे-चप्पे की तलाशी ले रहे हैं।
क्या बोले एडीजीपीआई विजय कुमार
आतंकी को ढेर करने के बाद एडीजीपीआई विजय कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए स्थानीय लोगों से प्रभावित क्षेत्रों में ना जाने की अपील की। एडीजीपीआई विजय कुमार ने कहा कि ‘हमें इलाके में दो से तीन आतंकवादियों के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी’.
एक आतंकी अभी और बचा…
दरअसल सेना का इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। चूंकि घाटी में अभी एक और आतंकी है। एडीजीपीआई विजय कुमार ने कहा कि ‘तीसरे आतंकवादी के अवशेषों का पता लगाने की संभावना के कारण तलाशी अभियान जारी रखना जरूरी है’।
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वीर जवानों ने दिया बलिदान
किसी ने क्या खूब कहा है कि वो जिंदगी ही क्या जिसमें देशभक्ति ना हो और वो मौत ही क्या जो तिरंगे में ना लिपटी हो। जी हां देश का हर सैनिक यही सोचकर सेना में जाता है और अपनी मां भारत माता की रक्षा करते करते शहीद हो जाता है। 13 सितंबर को आतंकवादियों (Anantnag Encounter) के साथ एनकाउंटर में सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर, एक मेजर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डिप्टी एसपी शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि एनकाउंटर 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डिप्टी एसपी हुमायूं भट्ट गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद इलाज के दौरान अधिकारियों ने दम तोड़ दिया था। जिसके बाद पूरे देश में मातम पसर गया था। औऱ हिंदुस्तान में गुस्सा था।
इधर शहीद को दी जा रही थी अंतिम विदाई, उधर सेना का एक्शन
दरअसल श्रीनगर में मंगलवार को बलिदानी प्रदीप सिंह की अंतिम विदाई का आयोजन किया गया। इस दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदीप सिंह को श्रद्धांजलि दी। सेना के अधिकारियों ने आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद प्रदीप सिंह की वीरता को सलाम किया और पुष्पांजलि अर्पित की। बता दें कि वीर सिपाही प्रदीप सिंह 13 सितंबर से लापता थे। 18 सितंबर की शाम को भारतीय सेना ने करीब पांच बजे उनका पार्थिव शरीर मिला था।