Lok Sabha Elections 2024 Odisha: भुवनेश्वर, सुरत और इन्दौर के बाद कांग्रेस को अब ओडिशा में बड़ा झटका लगा है, पुरी से कॉंग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी सुचारिता मोहंती ने अपना टिकट पार्टी को वापिस लौटा दिया है। सुरत और इन्दौर के प्रत्याशियों ने जहां अपनी हिलोरे ले रही राजनैतिक महत्वाकांक्षाओ को साधने के लिए पार्टी को धोखा देकर सियासी पाला बदला वही सुचारिता का बीच चुनाव में रण छोड़ने का कारण बड़ा ही रोचक है। पुरी की कॉंग्रेस प्रत्याशी ने आर्थिक बदहाली और पार्टी की तरफ से आर्थिक असहयोग को बड़ा कारण बताते हुए टिकट वापिस किया है। उन्होंने कहा कि फंड की कमी के कारण वह चुनाव नहीं लड़ सकतीं हैं।
सुचारिता मोहंती ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा,’मैंने टिकट वापस कर दिया है क्योंकि पार्टी मुझे फंड देने में सक्षम नहीं थी। दूसरा कारण यह है कि 7 विधानसभा क्षेत्रों की कुछ सीटों पर जीतने योग्य उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया है। कुछ कमजोर उम्मीदवारों को टिकट मिल गया। मैं इस तरह चुनाव नहीं लड़ सकती,’सुचारिता मोहंती ने आगे कहा,’अगर (पार्टी से) कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया होती तो मैं अपना टिकट वापस नहीं करती मुझसे कहा गया था कि मैं अपने संसाधनों का इंतजाम खुद करूं क्योंकि पार्टी मुझे फंड नहीं दे सकती है,’ पुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती का कहना है कि उन्होंने टिकट वापस कर दिया है।मोहंती ने कहा, ‘मुझे लोकतांत्रिक तरीके से टिकट मिला, भाजपा सरकार ने हमारे खातों पर सभी तरह की रोक लगा दी है। भाजपा सरकार नहीं चाहती कि कांग्रेस अच्छा प्रचार करे, इसलिए पार्टी अपने उम्मीदवारों का समर्थन करने में असमर्थ है।’ सुचारिता मोहंती के इस दावे के बाद ओडिशा की राजनीति में हलचल मच गई है। अब पुरी सीट को लेकर कई तरह के समीकरण गिनाए जा रहे हैं।
सुचरिता मोहंती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के ओडिशा प्रभारी अजॉय कुमार ने स्पष्ट रूप से उनसे अपने दम पर चुनाव लड़ने को कहा है। सुचारिता ने कहा,’मैं एक वेतनभोगी पेशेवर पत्रकार थी और 10 वर्ष पहले चुनावी राजनीति में प्रवेश किया था। मैंने पुरी में प्रचार अभियान में अपना सबकुछ झोंक दिया। मैंने प्रगतिशील राजनीति के लिए अपने प्रचार अभियान के समर्थन में चंदा अभियान चलाने की भी कोशिश की लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिली है।मैंने अनुमानित अभियान खर्च को कम से कम रखने की भी पूरी कोशिश की।’
पुरी लोकसभा सीट पर सुचारिता का मुकाबला बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा और बीजेडी के अरूप पटनायक के साथ था। लेकिन इस बार वो खुद ही फाइट से बाहर हो गयी है। इससे पहले वो पूरी लोकसभा से ही कांग्रेस के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ चुकी है लेकिन उस चुनाव में बीजेडी के पिनाकी मिश्रा से उन्हें करारी शिकस्त मिली थी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने उनके बजाय सत्य प्रकाश नायक पर भरोसा जताया था लेकिन वो पिनाकी मिश्रा और संबित पात्रा के बीच हुई कांटे की फाइट में अपनी जमानत तक नहीं बचा पाये थे।
पुरी लोकसभा सीट पर छठे चरण में 25 मई को चुनाव होने है जिसके लिए 6 मई तक नामांकन भरे जाएंगे। यानी कांग्रेस के पास दूसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारकर मुकाबले में बने रहने का अभी भी मौका है। अब देखना होगा की सुचारिता की जगह पार्टी अपने किस नेता पर भरोसा जताती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कॉंग्रेस पार्टी ‘ हाथ बदलेगा हालात’ नारे के साथ जनता की विश्वास जीतने का दम भर रही है लेकिन जिस तरह पार्टी नेता और प्रत्याशी मैदान छोड़ छोड़ कर भाग रहे है उससे लगता है की कॉंग्रेस को पहले अपने हालात बदलने चाहिए तभी जनता के हालात बदलने की बात करनी चाहिए।