दिल्ली

Arvind Kejriwal Bail: नेताजी सियासत में मस्त, दिल्ली की जनता हो रही त्रस्त!

Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में है, लेकिन बाहर सियासी पारा हाई हो चला है। भारतीय जनता पार्टी के नेता तो अड़ गए हैं कि केजरीवाल जी इस्तीफा दे ही दो…लेकिन केजरीवाल भी लगातार डटे हुए हैं और लगातार आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल को कट्टर ईमानदार बता रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी से जुड़े एक मामले में जमानत मिल गई। आम आदमी पार्टी ने इसे अपनी जीत की तरह बताया है… वहीं दिल्ली की जनता अलग-अलग संकटों को लेकर परेशान है.. चाहे लगातार हुई बारिश से बढ़ती परेशानी हो या फिर दिल्ली की पुरानी चले आ रही परेशानिया हों।


दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी घमासान के बीच कुछ अहम सवाल खड़े हो रहे हैं जैसे कि क्या सरकारी काम काज प्रभावित हो रहे हैं… दिल्ली की देखभाल कैसे हो रही है। सवाल है कि क्या दिल्ली की परेशानी से बड़ी किसी राजनीतिक पार्टी की चिंता अपने नेता की है। क्योंकि दिल्ली का दर्द महसूस कब होगा।
भारतीय जनता पार्टी के नेता अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं, केजरीवाल को कुर्सी प्यारी है….. ऐसे में सवाल ये भी खड़ा होता है कि क्या आम आदमी पार्टी में कोई एक ऐसा नेता नहीं है जो कि दिल्ली का मुख्यमंत्री बन सके और देश की राजधानी को सुंदर और विकासशील बना सके।


आज दिल्ली में बारिश हुई तो सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। हर तरफ हाहाकार मच गया। बुज़ुर्गों को 4 महीने से पेंशन नहीं मिली है। फ़्री वाईफ़ाई बंद कर दिया गया है। सरकारी सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी बंद कर दी गई है। सड़कों की मरम्मत का काम भी रूका हुआ है। गर्मी में पानी के लिए लोग तरसे थे, अब नालों की साफ़ सफाई नहीं हो रही है। हैरानी की बात तो ये है कि पिछले 90 दिन से कोई बैठक नहीं हुई है। अब आप इसी से अनुमान लगा लीजिए की दिल्लीवासियों का क्या हाल होगा।
दरअसल चुनाव के दौरान जिन शर्तो में केजरीवाल की रिहाई हुई है, उन्हीं को ध्यान में रख कर ही इस बार भी जमानत मिली है। दूसरी ओऱ सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद प्रभावशाली हैष और कोर्ट सीएम बने रहने पर भी कोई निर्देश नहीं दे सकता है। जाहिर है फिलहाल कानून तौर पर अरविंद केजरीवाल जब तक चाहें मुख्यमंत्री पद पर बने रह सकते हैं।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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