ROORKEE FIRING INCIDENT: अरविंद पांडे ने फायरिंग को बताया शहीदों का अपमान, मार्टियर्स से मांगी माफी
ROORKEE FIRING INCIDENT: चैंपियन-उमेश कुमार विवाद के बाद उत्तराखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है। 25-26 जनवरी को हुए फायरिंग कांड की राज्यभर में निंदा हो रही है। भाजपा विधायक अरविंद पांडे ने इसे शहीदों का अपमान बताया और कहा कि गोली-बंदूक जैसी घटनाएं उत्तराखंड के स्वभाव के विपरीत हैं। उन्होंने इसे प्रदेश की गरिमा के खिलाफ बताते हुए शहीदों से माफी मांगी और घटना को निंदनीय करार दिया।
ROORKEE FIRING INCIDENT: उत्तराखंड में इन दिनों भाजपा के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच चल रहा विवाद सुर्खियों में है। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से जुबानी जंग चल रही थी, जो 25 और 26 जनवरी को फायरिंग कांड में बदल गई। इस घटना के बाद पूरे राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया और हर ओर इसकी निंदा हो रही है। मामले में पूर्व विधायक चैंपियन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जबकि निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को जमानत मिल चुकी है। इस विवाद पर अब भाजपा और कांग्रेस के नेता अलग-अलग बयान दे रहे हैं, जिनमें से सबसे कड़ा बयान गदरपुर के विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का आया है।
फायरिंग पर अरविंद पांडे का कड़ा बयान: “शहीदों के बलिदान का अपमान”
पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे उत्तराखंड की शहादत का अपमान बताया। उन्होंने कहा, “इस तरह गोली, बंदूक और दहशतगर्दी पैदा करने जैसे काम उत्तराखंड के स्वभाव के विपरीत हैं। यह राज्य तमाम बलिदानों और संघर्षों के बाद अस्तित्व में आया है। उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, यह सैनिकों और शहीदों की भूमि है। ऐसे में यहां की सड़कों पर गोली चलाना और हिंसा फैलाना बिल्कुल अस्वीकार्य है।”
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उन्होंने आगे कहा कि इस राज्य के निर्माण के लिए अनगिनत आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। “शहीदों ने अपने प्राण इसलिए नहीं दिए थे कि यहां इस तरह की घटनाएं हों। यह घटना उन सभी शहीदों का अपमान है जिन्होंने उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया था।”
“शहीदों ने इस उत्तराखंड के लिए बलिदान नहीं दिया था”
अरविंद पांडे ने स्पष्ट रूप से कहा कि उत्तराखंड की पहचान बंदूक और हिंसा से नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड राज्य का महत्व बहुत बड़ा है। देश में कई राज्य हैं, लेकिन उत्तराखंड विशेष रूप से शहादत और कुर्बानियों के बाद बना राज्य है। यहां के शहीदों ने इसलिए बलिदान नहीं दिया था कि आज उनके नाम पर नेता एक-दूसरे के खिलाफ फायरिंग करें और गाली-गलौज करें।”
उन्होंने इस घटना के लिए शहीदों से माफी भी मांगी और कहा, “मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। जो भी इस तरह की अराजकता फैलाने की कोशिश करेगा, उसे जनता से जवाब मिलेगा।”
क्या है पूरा मामला?
पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और वर्तमान निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। दोनों नेता सोशल मीडिया पर लगातार एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। यह विवाद 25 और 26 जनवरी को हिंसक हो गया जब रुड़की में फायरिंग की घटना सामने आई।
इस मामले की गूंज पूरे उत्तराखंड में सुनाई दी, जिसके बाद प्रशासन ने चैंपियन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि उमेश कुमार को जमानत मिल गई।
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राजनीतिक गलियारों में हलचल, कांग्रेस ने भी की निंदा
इस विवाद के बाद उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मच गई है। भाजपा और कांग्रेस के नेता लगातार इस घटना पर बयान दे रहे हैं। कांग्रेस ने भी इस फायरिंग कांड की निंदा करते हुए कहा कि यह राज्य के लिए शर्मनाक घटना है।
जनता में आक्रोश, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
उत्तराखंड की जनता इस पूरे घटनाक्रम से आक्रोशित है। लोग मांग कर रहे हैं कि इस तरह की अराजकता फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो। आम जनता का मानना है कि उत्तराखंड की राजनीति में इस तरह की हिंसा और फायरिंग का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
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