Excessive consumption of oily food: ध्यान दें! तैलीय भोजन का अधिक सेवन बढ़ा सकता है कैंसर और गंभीर रोगों का खतरा, FSSAI और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
ध्यान दें! तैलीय भोजन का अधिक सेवन बढ़ा सकता है कैंसर और गंभीर रोगों का खतरा, FSSAI और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
Excessive consumption of oily food: आज के व्यस्त जीवनशैली में बाहर का खाना और तैलीय खाद्य पदार्थ आम हो गए हैं, लेकिन ये आदतें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने तैलीय और बार-बार तले गए भोजन के सेवन से जुड़े खतरों के बारे में चेतावनी दी है। यह चेतावनी विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो नियमित रूप से तैलीय और जंक फूड का सेवन करते हैं।
तैलीय भोजन और कैंसर का संबंध
हम में से कई लोग सुबह के समय नाश्ते में पूड़ी, वड़ा, जलेबी, समोसा, ब्रेड पकोड़ा जैसे तैलीय खाद्य पदार्थ खाते हैं। शाम के समय भी स्नैक्स के रूप में तैलीय चीजें आमतौर पर पसंद की जाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार का भोजन, विशेष रूप से वह जिसमें तेल को बार-बार उबाला गया हो, गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। इसके सेवन से कैंसर, हृदय रोग, लीवर और पेट की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
FSSAI के अनुसार तेल में 25% से अधिक टोटल पोलर कंपाउंड्स (TPC) खतरनाक
FSSAI के नियमों के अनुसार, अगर किसी खाना पकाने के तेल में टोटल पोलर कंपाउंड्स (TPC) 25% से ज्यादा हो जाए, तो उसे इस्तेमाल करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बार-बार तेल को गर्म करने से TPC बढ़ता है, जिससे कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा होता है। होटलों और स्टॉलों में अक्सर तेल को कई बार गर्म किया जाता है, जिससे हानिकारक तत्व बन जाते हैं। इसके अलावा, कई जगहों पर हानिकारक खाद्य रंग, सोया सॉस और नमक का अधिक इस्तेमाल भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की चेतावनी: लीवर, हृदय और पेट की बीमारियों का खतरा
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. रघु डीके ने चेतावनी दी है कि मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन रक्त वाहिकाओं के सख्त होने का कारण बन सकता है, जो उच्च रक्तचाप, अल्जाइमर, लीवर और हृदय रोग, मोटापा, सीलिएक रोग और एसोफैगल कैंसर जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कई होटलों में तैलीय खाद्य पदार्थों को कई बार तलकर परोसा जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। इस तरह के तैलीय भोजन में उच्च मात्रा में खराब कोलेस्ट्रॉल होता है, जो रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ाता है।
बार-बार तले हुए भोजन से जुड़े खतरे
FSSAI के नियमों के अलावा, डॉक्टर भी कहते हैं कि बाहर का खाना स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं होता। सड़क किनारे के खाने में मिलावट की आशंका अधिक होती है, और इसमें तली हुई सामग्री का पुन: उपयोग, खराब गुणवत्ता वाले तेल और अन्य हानिकारक तत्वों का प्रयोग किया जा सकता है। इससे पेट और पाचन तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के अनुसार, तैलीय भोजन का बार-बार सेवन एसिडिटी, अल्सर और आंतों के कैंसर का कारण बन सकता है।
बाहर के खाने से बचने की सलाह
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जितना संभव हो सके, घर का बना हुआ भोजन ही खाएं और तेल का सीमित उपयोग करें। सड़क किनारे की खाद्य सामग्री और जंक फूड के बजाय फल, सलाद और घर का ताजा भोजन स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं। FSSAI और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की यह चेतावनी स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने और लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ खाने की ओर प्रेरित करने के लिए दी गई है।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन करने या अन्य स्वास्थ्य सुझावों पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से सलाह लेना उचित है।