Ayodhya Latest News: जिस भारतीय जनता पार्टी की बदौलत अयोध्या में भगवा शान से लहरा रहा है….. मर्य़ादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम क सूर्यतिलक हुआ है।रामनगरी में रामलला की धूम है……आज उसी रामनगरी की जनता ने अपने राजा को हरवा दिया है।
चाहे योगी आदित्यनाथ, चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…. चाहे हिंदुस्तान की जनता हो…. किसी को भी ये उम्मीद नहीं थी कि अयोध्या से भारतीय जनता पार्टी हार जाएगी… लेकिन ऐसा हो गया…
रामनगरी की जनता ने समाजवादी पार्टी को यहां से जिताया… वो समाजवादी पार्टी… जिसने रामभक्तों को खून से छलनी कर दिया था। वो समाजवादी पार्टी… जिसने राममंदिर का विरोध किया था।वो समाजवादी पार्टी…..जो राम के अस्तित्व पर सवाल खड़े करने का काम करती है।
रामनगरी में समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त दी है। जो कि ये बता रहा है कि अयोध्या की जनता भारतीय जनता पार्टी से खुश नहीं थी।
आखिर रामनगरी में क्यों हारी बीजेपी?
जातिगत समीकरण: अयोध्या में बीजेपी जातिगत समीकरण को नहीं समझ पाई। पासी बिरादरी बड़ी संख्या में है…जिसको ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी ने पासी चेहरे अवधेश प्रसाद को अयोध्या में अपना उम्मीदवार बनाया। जिस का समाजवादी पार्टी को काफी फायदा भी हुआ।
सपा प्रत्याशी की लोकप्रियता
इस बात में कोई दोहराय नहीं है कि अयोध्या में अवधेश की लोकप्रियता काफी दमदार है। तभी उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को करारी शिकस्त दी है। अवधेश प्रसाद 9 बार विधायक भी रह चुके हैं….जबकि एक बार मंत्री भी रह चुके हैं। यानी की संदेश साफ है कि अवेधश प्रसाद की लोकप्रियता के आगे भारतीय जनता पार्टी फीकी पड़ती हुई नजर आई।
बीजेपी के पास सिर्फ एक फेस है….वो है नरेंद्र मोदी, जी हां हर बार पार्टी सिर्फ नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ती है। लेकिन इस बार जनता ने मोदी के फेस को भी नकार दिय।
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने संविधान पर बयान दिया…जो कि भारी पड़ गया। लल्लू सिंह ने संविधान को लेकर बयान दिया तो उनका विरोध हुआ, जिसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भी झेलना पड़ा।
मंदिर निर्माण के लिए दुकान तोड़ी गईं
रामनगरी में 14 किलोमीटर लंबा रामपथ बनाया गया, जिसके लिए रामजन्मभूमि पथ भी बनाया गया। ऐसे में इसकी जद में आने वाले घर और दुकानों को तोड़ा गया। हालांकि ये बात अलग है कि स्थानीय लोगों ने इसका पुरजोर विरोध भी किया था। क्योंकि लोगों को मुआवजा तक नहीं मिला था।
अग्निवीर को लेकर विरोध
अग्निवीर को लेकर जो भारतीय जनता पार्टी ने किया…वो भारी पड़ गया, क्योंकि महज सिर्फ 4 साल की नौकरी के लिए युवाओं को मेहनत करनी पड़ती। हैरानी की बात तो ये है कि 4 साल के बाद युवा एक दम बेरोजगार हो जाते।