Live UpdateSliderचुनावट्रेंडिंगराजनीतिराज्य-शहर

2024 Election Latest Update: क्या चार सौ पार के चक्रव्यूह में फंस गया है विपक्ष ?

2024 Election Latest Update: ठगिनी राजनीति में किसी बयान के कोई मायने नहीं होते लेकिन जब कोई बयान बार -बार दिए जाते हैं तो उसके मायने जरूर होते हैं। वैसे इस देश के आम नेताओं के बोल को जनता कोई भाव नहीं देती लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बीजेपी के बड़े नेता किसी बात को बड़े अंदाज में जनता के सामने रखते हैं तो उसके मायने जरूर होते हैं। बीजेपी और पीएम मोदी ने इस बार बड़ा खेल किया है। यह खेल मनोवैज्ञानिकी है और सच तो यही है कि इस खेल में विपक्ष फंस गया है। वह चाहकर भी बीजेपी के जाल से नहीं निकल पा रहा है।

बीजेपी का यह ऐसा जाल है जिसे तोडना विपक्ष के लिए कठिन ही नहीं मुश्किल भी है।लेकिन भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में कोई भी नेता बोलने से बाज कैसे आ सकता है। वैसे भी पूरी दुनिया में जिस तरह की राजनीति हो रही है उसमे भारतीय लोगों की कहानी भी कम आश्चर्य वाली नहीं। यहाँ तो नेता झूठ बोलते ही है और जनता तो उससे भी ज्यादा झूठी बोलती है। जनता की झूठी बातों को कुछ मिलाकर आगे बढ़ा देती है। लोकतंत्र का यह खेल काफी मनोरंजक हो चला है। यहां जीत के दावे सब कर रहे हैं।

जीत के दावे वे दल भी कर रहे हैं जिनकी जनता के बीच कोई पैठ नहीं। जिनका जनता से कोई सरोकार नहीं। फिर ऐसे नेता भी जीत के दावे कर रहे हैं जो दुसरो के सहारे चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन लोकतंत्र को बचाने की कहानी को वह भी आगे बढ़ा रहे हैं। इस देश में बहुत से निर्दलीय भी चुनाव जीतने और सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। जिन्हे जनता कोई भाव तक नहीं दे रही है। लोकतंत्र का यहाँ खेल मजाकिया सा होता जा रहा है।

लेकिन इन सबके बीच बीजेपी का वह बयान की अबकी बार चार सौ पार की कहानी विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती हो गई है। जानकार कहते हैं कि मोदी ने यह बयान देकर विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक दबाव डाल दिया है और अब इस दबाव का ही असर है कि विपक्ष वाले भी जहाँ भाषण देते हैं वहां चार सौ पार की बात जरूर कर रहे हैं। संभव है कि विपक्ष की चार सौ पार वाली बात तंज के रूप में ही हो रही है लेकिन वे इस नारे को भूल नहीं रहे हैं। यह मोदी की बड़ी जीत है और इस जीत को मोदी और बीजेपी आगे भी बढ़ाये रखते हैं तो संभव है कि बीजेपी इस बार फर से पाला पलट कर सत्ता सरकार में पहुँच जाए।

लेकिन यह सब सिक्के का एक पहलु है। लेकिन सिक्के का दूसरा जो पहलु है वह बीजेपी के लिए भी कम चुनौती वाला नहीं। पिछले चुनाव में बीजेपी उत्तर भारत में बड़ी बाजी मार गई थी। देश के तमाम बड़े राज्यों में बीजेपी की भारी जीत हुई थी। और खासकर हिंदी पट्टी में बीजेपी का बिगुल बजा था। बीजेपी इस बार चाहती है कि परिणाम वैसे ही हो या उससे भी बेहतर हों। ऐसा हो भी सकता है लेकिन नहीं भी हो सकता है। अगर परिणाम ठीक 2019 की तरह ही आते हैं तब भी बीजेपी को चार सौ पार वाली बात झूठी ही साबित हो सकती है। मध्यप्रदेश ,राजस्थान ,छत्तीसगढ़ ,गुजरात ,बिहार और महाराष्ट्र में अधिक से अधिक सीटें मिली थी क्या इस बार भी ऐसा संभव है ? और संभव है भी तो अब इन राज्यों में सीटें तो नहीं बचाई जा सकती ?फिर चार सौ पार की कहानी कैसे सामने आ सकती है ?

उधर दक्षिण भारत मे बीजेपी लगभग साफ़ है। इस बार बीजेपी को तमिलनाडु ,आंध्रा और केरल से काफी उम्मीद है। मान भी लिया जाए कि इन राज्यों में बीजेपी को कुछ सत्ताए मिल भी जाती है तो भी चार सौ पार की हालत कैसे आएगी ? बीजेपी की दिक्कत ये है कि उसके गठबंधन में कोई बड़ी पार्टी अब नहीं रह गई है। जो है भी तो उनका जनाधार कुछ इलाके भर है और कुछ जाती और सम्मुदाय तक ही है। ऐसे में जो भी कमाल करना है वह बीजेपी को ही करना है। बिहार में जदयू पहले एक मजबूत पार्टनर बीजेपी की थी। लेकिन अब जदयू अपना आधा मंडल खो चुका है। अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार दावा नहीं कर सकते कि उन्हें दर्जन भर सीट आ सकती है। और ऐसा है भी तो बिहार में इंडिया गठबंधन की कहानी का क्या होगा ?

जानकार मान रहे हैं कि गुजरात में बीजेपी की सीटें इस बार कम हो सकती है। मध्यप्रदेश में भी बीजेपी की सीटें कम होगी। पिछले चुनाव में बीजेपी को एमपी में 29 में से 28 सीटों पर जीत हुई थी क्या इस बार भी यह सब संभव है ? और अगर संभव है भी तो फिर कितनी सीटें उसकी बढ़ सकती है ? यही हाल राजस्थान और छत्तीसगढ़ का भी है।

पूर्वोत्तर भारत में भी बीजेपी की वही स्थिति है जो पहले थी। वहां भी बीजेपी को अधिकतम सीटें मिल चुकी है लेकिन इस बार वैसा ही होगा यह भी संभव नहीं। और अगर होता है तो विपक्ष के लिए चुल्लू भर पानी में मरने के सिवा कुछ भी नहीं बचेगा।

जानकार तो यह भी कह रहे हैं कि बीजेपी को तिसरी बार बिहार में ही बड़ा झटका लगने वाला है। जो बीजेपी अभी बिहार में 38 सीटें जीतने की बात कर रही है उसी बिहार का एक सर्वे यह भी बता रहा है कि बीजेपी दहाई अंक को भी नहीं छू पाएगी। यही हाल बंगाल में भी है। अगर बीजेपी को अपनी सीट बढ़ानी है तो बंगाल की सभी सीटें जितनी होंगी और ऐसा होता है तो बीजेपी को चार सौ पार की कहानी को गढ़ने में कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन क्या सच में ऐसा होने जा रहा है ?

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button