विधायकों की मोबाइल एंट्री पर लगा प्रतिबंध… जानिए 66 साल बाद यूपी विधानसभा में कौन- कौन से बदले गए नियम
UP Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है। इसको लेकर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक की अपनी तैयारियां हैं। सत्ता पक्ष जहां सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को सदन के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेगा। वहीं, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सरकार को सदन में घेरने की रणनीति तैयार की है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा (Up Assembly) का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र को लेकर राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमाने लगा है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सत्ता पक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ( BJP- SP) अपनी- अपनी तरफ से सदन के माध्यम से लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। सत्ता पक्ष की योजना हर हाल में अपनी बात सदन में रखने की है। मुद्दों पर आधारित चर्चा में दमदार तरीके से चीजों को पेश करने की तैयारी है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरने की हर रणनीति तैयार कर ली है। इन सबके बीच सत्र के हंगामेदार होने की आशंका जताई जा रही है। इन सबके बीच सदन में कई सदस्यों की उपस्थिति तो दिखती है, लेकिन वे पूरी तरह से कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाते हैं। इसका बड़ा कारण उनका मोबाइल में लगे रहना है। जनप्रतिनिधियों को सदन में जनहित के मु्द्दों पर चर्चा के लिए मोबाइल पर बैन लगाया गया है। इसके अलावा कई अन्य नियम भी लागू किए गए हैं।
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उत्तर प्रदेश विधानसभा में 66 साल बाद नए नियम
उत्तर प्रदेश विधानसभा (Up Assembly) में 66 साल बाद नए नियम लागू किए गए हैं। 28 नवंबर यानि मंगलवार से शुरू हो रहे शरदकालीन सत्र में नए नियम- कानून लागू हो जाएंगे। मॉनसून सत्र के दौरान नियमों को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत विधायकों को सदन में मोबाइल फोन लेकर जाने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा विधायक अब सदन के भीतर झंडा या बैनर नहीं लेकर जा पाएंग। पहले विधायक विरोध प्रदर्शन के दौरान झंडा- बैनर लहराने लगते थे। विंटर सेशन के दौरान महिला विधायकों को मिलने वाली है। संसद में नारी शक्ति विधेयक पास होने के बाद अब विधानसभा में भी नारी शक्ति को वरीयता देने की तैयारी है।
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नए नियमों से विधानसभा (Up Assembly) को चलाने में मदद मिलेगी। विंटर सेशन के दौरान कई अहम बिल पास किए जाने की तैयारी है। सदन में सरकार को घेरने के लिए विपक्षी पार्टियों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार से शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र एक दिसंबर तक चलेगा। चार दिनों के सत्र को लेकर विपक्ष ने नाराजगी जताई है। सदन के सत्र को बढ़ाने की मांग की जा रही है। मंगलवार को दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कार्यवाही को स्थगित कर दी जाएगी।
यूपी विधानसभा (Up Assembly) में बुधवार यानि 29 नवंबर से औपचारिक तौर पर कामकाज शुरू होगा। पहले दिन सदन में इस सत्र में पास कराए जाने वाले अध्यादेश, अधिसूचना और नियमों को पटल पर रखा जाएगा। बुधवार दोपहर 12:30 बजे के बाद वित्तीय वर्ष 2023- 24 के सप्लीमेंट्री ग्रांट की डिमांड पेश की जाएगी। इसके बाद विधायी कार्यों को पूरा कराया जाएगी। 30 नवंबर को सप्लीमेंट्री ग्रांट डिमांड रखी जाएगी। विधायकों की मांग पर विचार के बाद वोटिंग होगी। इसके बाद बचे समय में विधायी कार्य निपटाए जाएंगे।