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‘बॉयकॉट इंडिया’ करने वालों को बांग्लादेश की PM का करारा जवाब!

Bangladesh PM On Boy Cott INDIA: मालदीव के बाद बांग्लादेश में भी बॉयकॉट इंडिया का अभियान चलाया जा रहा है। वो अभियान जिससे बांग्लादेश में विपक्षी पार्टी सियासी फायदा लेने की कोशिश कर रही है। भारतीय सामानों का विरोध हो रहा है और लोगों से भी इसकी अपील की जा रही है..लेकिन मालदीव की तरह ही बांग्लादेश भी जानता है कि ऐसे अभियान का अंजाम क्या हो सकता है। भारत और बांग्लादेश के करीबी रिश्तों में ऐसे अभियानों से खटास ना आए.. इसके लिए बांग्लादेश की पीएम ने भारत विरोधियों को ऐसा करारा जवाब दिया है। जिससे उनकी बोलती बंद हो गई.. शेख हसीना ने कड़े शब्दों में कहा कि ये कैंपेन चलाने वाले सबसे पहले भारतीय साड़ियां जलाकर दिखाएं


उन्होंने कहा कि मेरा सवाल है जो नेता भारतीय सामान के बहिष्कार की बात कर रहे हैं वो बताएं उनकी पत्नियों के पास कितनी भारतीय साड़ियां हैं? वो अपनी पत्नियों से साड़ियां लेकर उन्हें जला क्यों नहीं देते.. अपनी सत्ता के दौरान जमकर भारतीय साड़ियां खरीदी गई और पहनी गईं।
शेख हसीना सिर्फ भारतीय साड़ी तक नहीं रुकी बल्कि उन्होंने भारतीय मसालों का भी जिक्र किया। भारत से बांग्लादेश काफी मात्रा में मसाले भेजे जाते हैं. इसमें लहसुन, प्याज अदरक और कई तरह के गरम मसाले शामिल हैं। जगह-जगह भारतीय उत्पादों का बहिष्कार हो रहा है। विपक्षी बीएनपी नेता भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। जब वो अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां अपने पार्टी कार्यालय के सामने जलाएंगे तभी ये साबित होगा कि वो वास्तव में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। हमारे घरों में ‘गरम मसाला’, प्याज, लहसुन, अदरक और कई अन्य चीजें भारत की हैं.. विपक्ष का ऐसा कोई नेता नहीं है जिसके घर में भारतीय मसालों का इस्तेमाल न होता हो।


दरअसल बांग्लादेश में भारत के खिलाफ विरोध की शुरुआत जनवरी में हुए आम चुनावों के बाद हुई.. जिसमें शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की। तब से विपक्ष भारत को लेकर मुखर है.. इतना ही नहीं हसीना और उनकी पार्टी को भारत समर्थक करार देने की कोशिश भी हो रही है साथ ही दावा किया गया कि भारत ने हसीना को चुनाव को जीतने में मदद की। इसी मुद्दे को लेकर BNP ने चुनावों का बहिष्कार किया था.. इसके बाद ये मुद्दा गरम हुआ और धीरे-धीरे इसने ‘बॉयकॉट इंडिया’ कैंपेन की शक्ल ले ली। इतना ही नहीं पिछले हफ्ते बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के संयुक्त सचिव रुहुल कबीर रिज़वी ने अपनी कश्मीरी शॉल फेंक दी थी। ये कुछ वैसा ही अभियान है जो मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चुनाव जीतने से पहले अपने देश में शुरू किया था। उन्होंने मालदीव में इंडिया आउट कैंपेन चलाया और चुनाव जीत लिया.. इतना ही नहीं राष्ट्रपति बनने के बाद भी वो भारत के खिलाफ मुखर रहे।
शायद कुछ ऐसी ही प्लानिंग खालिदा ज़िया भी बांग्लादेश में कर रही हैं लेकिन प्रधानमंत्री हसीना ने पहले ही विपक्ष को करारा जवाब देकर बोलती बंद कर दी है। ढाका के बाज़ार जो आम तौर पर भारतीय उत्पादों से भरे रहते थे, उन्हें नई डिलीवरी लेने से मना कर दिया गया है। खाना पकाने के तेल, कॉस्मेटिक और कपड़े जैसे भारतीय उत्पादों की बिक्री में गिरावट आई है। विपक्ष ‘बॉयकॉट इंडिया’ के कैंपेन को लगातार हवा दे रहा है.. इस अभियान को ज्यादातर ऑनलाइन छेड़ने की कोशिश है। लेकिन बांग्लादेश की जनता जानती है कि भारत के खिलाफ किसी भी तरह का ऐसा विरोध उनके लिए कितना मुश्किल साबित हो सकता है।

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