बिहार

एक्शन में लालू की बेटी, जानिए कौन हैं रोहिणी आचार्य ?

Bihar News: कभी लालू यादव का गढ़ कहे जाने वाले बिहार के सारण सीट पर इस बार सियासी मुकाबला दिलचस्प हो गया है। क्योंकि इस बार RJD ने फिर एक बार लालू के परिवार से उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। लालू यादव की चौथी बेटी रोहिणी आचार्य सारण सीट से अपना पॉलिटिकल डेब्यू करने जा रही हैं। रोहिणी ने सारण में चुनाव प्रचार का शंखनाद रोड शो के साथ किया। पहली बार जनता के बीच पहुंची रोहिणी पब्लिक का रेस्पॉन्स पाकर पूरे जोश में नज़र आईं… और विरोधियों पर ज़बरदस्त हमला बोला.। कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि रोहिणी के आगे उनका सरनेम आचार्य क्यों है.. आपको बता दें कि इसके पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी है दरअसल रोहिणी का जन्म 1979 में पटना में हुआ था। जिस महिला डॉक्टर ने डिलिवरी कराई, उनका नाम कमला आचार्य था.. उन्होंने लालू यादव से कोई फीस नहीं ली। बल्कि फीस के बदले अपना सरनेम लगाने कहा.. जिसकी वजह से रोहिणी का पूरा नाम रोहिणी आचार्य पड़ा।


राजनीति में रोहिणी का नाम भले ही नया हो, मगर पिछले साल ये नाम उस वक्त सुर्खियों में खूब आया था।जब उन्होंने अपने पिता लालू यादव को किडनी डोनेट कर उनकी जान बचाई थी। जिसकी वजह से बिहार ही नहीं बल्कि देश भर में उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी थी। आज भी रोहिणी ने पिता लालू प्रसाद को भगवान बताते हुए उनके आशीर्वाद के साथ चुनावी प्रचार का आगाज़ किया।
बता दें कि रोड शो से पहले रोहिणी ने कल अपने पूरे परिवार के साथ सोनपुर के प्रसिद्ध हरिहरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। रोहिनी का साथ देने के लिए उनके पिता लालू यादव, मां राबड़ी देवी और बड़ी बहन मीसा भारती समेत परिवार के कई लोग मौज़ूद रहे। पूजा के बाद मंदिर के बाहर भी लालू परिवार के काफी समर्थक मौज़ूद रहे.. जिन्होंने नारे लगाकर रोहिणी का हौसला बढ़ाया।
रोहिणी आचार्य ने डॉक्टरी की पढ़ाई की है, उनकी शादी सॉफ्टवेयर इंजीनियर से हुई है। शादी के बाद वो कई साल से सिंगापुर में थीं। बीजेपी ने रोहिणी को सिंगापुर की बहू बताते हुए उनके चुनाव लड़ने का मुद्दा बिहारी प्राइड से जोड़ दिया है। वैसे भी रोहिणी के लिए सारण लोकसभा सीट पर मुकाबला आसान नहीं होगा.. क्योंकि उनके सामने दो बार से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुडी मैदान में हैं।


राजीव प्रताप रूडी ने 2014 में लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराया था.. और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सारण सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा था। यही वजह है कि राजीव प्रताप रुडी इस बार भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नज़र आ रहे हैं।हालांकि सारण लोकसभा सीट पर लालू परिवार का काफी प्रभाव माना जाता है।
इसी सीट से साल 1977 में लालू यादव पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। 2004 में लालू यादव ने राजीव प्रताप रूडी को भी हराया था और सारण से तीसरी बार संसद बने थे। 2009 में भी लालू यादव इस सीट से चुनाव जीत गए थे.. मगर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राजीव प्रताप रुडी ने इस सीट पर अपनी बादशाहत कायम रखी थी।
जिसे देखते हुए बीजेपी ने फिर एक बार राजीव प्रताप रुडी पर दांव खेला है..मगर इस बार RJD ने रणनीति के तहत लालू यादव की बेटी रोहिणी को रुडी के सामने मैदान में उतारा है। देखना होगा कि लालू प्रसाद को किडनी देकर उनकी जान बचाने वाली रोहिणी। सियासी कुरुक्षेत्र में उनका गढ़ बचाने में कामयाब होती हैं या नहीं ।

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