Sheikh Hasina Pratyarpan: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने की भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग
बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। लेकिन लगता है कि वह अनूप चेतिया के मामले को भूल गया है। भारत कई सालों से चेतिया के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था, जिसे बांग्लादेश ने लंबे समय तक टाला। उसे 2015 में भारत भेजा गया।
Sheikh Hasina Pratyarpan: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से मांग की है कि शेख हसीना को वापस ढाका भेजा जाए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने कहा, “हमने भारत सरकार को एक कूटनीतिक संदेश भेजा है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें (हसीना को) बांग्लादेश में न्यायिक प्रक्रिया के लिए वापस ढाका भेजा जाए।” बांग्लादेश भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है, लेकिन वह वह समय भूल गया जब भारत वांछित अनूप चेतिया के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। वह करीब 2 दशक तक भारत की मांग को टालता रहा, लेकिन आखिरकार 2015 में शेख हसीना की सरकार ने अनूप चेतिया को भारत वापस भेज दिया। चेतिया हत्या, अपहरण और जबरन वसूली के मामलों में भारत में वांछित था।
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1997 में किया गया गिरफ्तार
अनूप चेतिया यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का नेता है। चेतिया को गोलाप बरुआ के नाम से भी जाना जाता है। वह असम के तिनसुकिया जिले के जेराई गांव का निवासी है। उसे 21 दिसंबर 1997 को मोहम्मदपुर, ढाका में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उससे पहले उसे मार्च 1991 में असम में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में असम सरकार ने उसे रिहा कर दिया था।
दिसंबर 1997 में बांग्लादेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद, चेतिया ने 2005, 2008 और 2011 में बांग्लादेश में राजनीतिक शरण मांगी। लेकिन भारत कई वर्षों से बांग्लादेश पर चेतिया को निर्वासित करने का दबाव बना रहा था।
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उसे अवैध मुद्रा रखने के आरोप में ढाका में गिरफ्तार किया गया था। बांग्लादेश की अदालत ने उसे 7 साल की जेल की सजा सुनाई थी। भारत 1997 में चेतिया की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था।
चेतिया भारत आना चाहता था
भारत की इस मांग को बांग्लादेश सरकार ने खारिज कर दिया था। उसने कहा था कि दोनों देशों के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। लेकिन चेतिया भारत लौटना चाहता था। 2013 में उसने बांग्लादेश के कुछ मीडिया घरानों को पत्र लिखकर कहा था, भारत सरकार मुझे भारत प्रत्यर्पित करने के अपने प्रयास में बार-बार विफल रही है। लेकिन अब मैंने असम वापस जाने का फैसला किया है।
उसने कहा कि मैं ऐसी अनिश्चितता की स्थिति में कब तक रह सकता हूं। चेतिया ने बांग्लादेश सरकार के पास लिखित आवेदन भी दायर किया था, जिसमें उसने भारत लौटने की इच्छा जताई थी। इस बीच, बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार सत्ता में थी और भारत को उम्मीद थी कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसका साथ देगी।
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भारत की उम्मीदें तब जगी जब दिसंबर 2013 में बांग्लादेश सरकार ने कहा कि वह चेतिया को प्रत्यर्पित करेगी। और नवंबर 2015 में उसने चेतिया को भारत को सौंप दिया।
बांग्लादेशी महिला से की शादी
अनूप चेतिया ने 2022 में बांग्लादेशी महिला से शादी की। इससे पहले दोनों कई सालों तक रिलेशनशिप में रहे। दोनों की मुलाकात बांग्लादेश के एक स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई थी। अनूप चेतिया उल्फा का महासचिव है।
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