ट्रेंडिंगदिल्लीन्यूज़बड़ी खबर

G-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने से पहले चीन के बदले तेवर और पुतिन ने क्यों किया किनारा!

Delhi G-20 Summit: हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति मिले थे। इसके साथ ही भारत में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) में जिनपिंग के आने की उम्मीद है। लेकिन इस बीच चीन ने संबंधों में तनाव बढ़ाने वाली हरकत की है। चीन ने 2023 का आधिकारिक नक्शा जारी किया है।

g20 summit

Read: Delhi Latest News in Hindi | आज की ताज़ा खबर | हिंदी समाचार | News Watch India

भारत में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) से पहले चीन ने पंगा लेने का फैसला किया है। दूसरों की जमीन कब्जाने वाले चीन ने एक बार फिर अपनी मानसिकता दुनिया के सामने दिखाई है। चीन ने अपना आधिकारिक नक्शा जारी किया है, जिसमें उसने भारत के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है। इसके साथ ही उसने दक्षिण चीन सागर में मौजूद टापुओं पर भी अपना दावा पेश किया है। चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इसकी जानकारी दी है।

ग्लोबल टाइम्स ने ट्विटर पर जारी एक पोस्ट किया, ‘चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर 28 अगस्त यानि सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की तरफ से होस्ट किए गए मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर लॉन्च किया गया। यह मैप चीन और विश्व के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर कंपाइल किया गया है।’ चीन की ओर से यह नक्शा तब जारी किया गया है, जब हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिले थे।

चीन बॉर्डर के पास बना रहा गांव

इस बीच ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि चीन LAC के पास संवेदनशील क्षेत्र में गांव बनाने में लगा है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि चीन के जियाओकांग में पूर्वी इलाकों पर ख्याल केंद्रित किया है। जबकि तिब्बती स्वायत्त इलाकों में ऐसे 628 गांव, तवांग में 30 और तुलुंग ला में 25 गांव के होने का अनुमान है। रणनीतिक दृष्टिकोण से तवांग अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर का एंट्री पॉइंट है। साथ ही जहां तक तिब्बतियों का सवाल है, इसका धार्मिक महत्व भी है।

g20 summit

भूटान के पास भी बना रहा बस्ती

तुलुंग ला का महत्व इसलिए ज्यादा है, क्योंकि 1975 में चीनियों ने असम राइफल्स की 4 टुकड़ियों पर घात लगाकर हमला किया था। चुमार के संवेदनशील इलाके में भी ऐसी बस्तियां देखने को मिली हैं। रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पश्चिमी भूटान और उत्तरी भूटान के सामने भी निर्माण हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इन बस्तियों को गांवों के रूप में नहीं मानना चाहिए। इन सिर्फ चीन अपना दावा मजबूत करने के लिए बना रहा है।

क्या G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे पुतिन?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति के बीच यह बातचीत पिछले सप्ताह हुई है जिसमें संकेत दिए गए थे कि रूसी राष्ट्रपति सितंबर में नई दिल्ली में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होंगे। बता दें शुक्रवार को क्रेमलिन की तरफ से हुई एक घोषणा में बताया गया था कि पुतिन कई कार्यक्रमों में व्यस्त चल रहे हैं।

putin and modi

प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को दिया धन्यवाद!

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत हुई दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इस दौरान वाल्दिमीर पुतिन ने 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की और कहा कि रूस का प्रतिनिधित्व रूसी संघ के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। रूस के निर्णय पर सहमति व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की G-20 अध्यक्षता के तहत सभी पहलों के लिए रूस के लगातार समर्थन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया।

इंडोनेशिया से इंडिया ने ग्रहण की G20 की अध्यक्षता

जानकारी के मुताबिक बता दें 9 और 10 सितंबर को G-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है। यह शिखर सम्मेलन भारत में वैश्विक नेताओं की सबसे बड़ी सभाओं में से एक होने की उम्मीद है। भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को इंडोनेशिया से G-20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी।

Prachi Chaudhary

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button