Latest News of Abujhmad Encounter: अबूझमाड़ मुठभेड़ से पहले 60 किमी पैदल चलकर घने जंगल में पहुंचे थे जवान
Before the Abujhmad encounter, the soldiers had reached the dense forest after walking 60 km.
Latest News of Abujhmad Encounter: आम आदमी के लिए यह कल्पना करना भी संभव नहीं है कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल के जवान किन परिस्थितियों में नक्सलियों से लोहा लेते हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मंगलवार 2 मई को सुरक्षा बलों ने जहां 10 माओवादियों को मार गिराया था वह जगह छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ है।
उस घने जंगल तक पहुंचने के लिए उन्हें करीब 60 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि नारायणपुर-कांकेर जिलों के जंगलों में माओवादी अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ डेरा डाले हुए हैं। जिसके बाद पुलिस पार्टी सर्चिंग पर निकली।
बस्तर रेंज के आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) पी. सुंदरराज ने बुधवार 1 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) कर यह जानकारी दी और पूरे ऑपरेशन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि करीब 900 सुरक्षाकर्मियों की संयुक्त टीम मुठभेड़ स्थल पर गई थी।
28 की रात को शुरू हुआ माड़ बचाओ अभियान
सुंदरराज ने बताया कि, महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित जंगलों में उच्चस्तरीय माओवादी कैडर (High Level Maoist Cadre) की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर 28 अप्रैल की रात को ‘माड़ बचाओ अभियान’ नाम से अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के लिए नारायणपुर (Narayanpur) और कांकेर जिले (Kanker Districts) के विभिन्न शिविरों से डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) के कुल 240 जवान और एसटीएफ (विशेष कार्य बल) तथा राज्य नक्सल विरोधी बल के 590 जवान अभियान पर निकले थे।
60 किलोमीटर चले, अंधाधुंध गोलाबारी शुरू हो गई
उन्होंने बताया कि, सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें दुर्गम इलाके और कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए 60 किलोमीटर की दूरी तय की गई। इस बीच मंगलवार सुबह करीब 5 बजे जब सुरक्षा बल टेकमेटा-काकुर गांवों (Tekmeta-Kakur Villages) के पास जंगल की घेराबंदी कर रहे थे, तो वहां डेरा डाले माओवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि इस दौरान रात 8 बजे तक करीब 16 घंटे तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही।
कुल 63 लाख रुपए का इनाम नक्सलियों पर
आईजी ने बताया कि, मारे गए 10 माओवादियों में से 8 की पहचान कर ली गई है और उन पर कुल 63 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस के अनुसार, मारे गए अधिकांश माओवादी गढ़चिरौली संभाग के थे, जो प्रेस टीम से जुड़े थे और तेलंगाना, महाराष्ट्र और बस्तर (छत्तीसगढ़) के रहने वाले थे।
नक्सलियों की पहचान 66 वर्षीय जोगन्ना उर्फ घिस्सू (तेलंगाना के मूल निवासी) – विशेष जोनल कमेटी सदस्य, 41 वर्षीय मल्लेश उर्फ उंगा मदकम – संभागीय कमेटी सदस्य, 55 वर्षीय विनय उर्फ रवि (तेलंगाना) संभागीय कमेटी सदस्य और 36 वर्षीय संगीता डोगे अत्राम क्षेत्र कमेटी सदस्य और जगन्ना की पत्नी के रूप में हुई है।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले दर्ज
आईजी ने बताया, ‘इन नक्सलियों में जोगन्ना के खिलाफ महाराष्ट्र में कम से कम 196 आपराधिक मामले दर्ज थे और उस पर 25 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। इसी तरह मल्लेश के खिलाफ महाराष्ट्र के गढ़चिरौली (Gadchiroli) में 43 और विनय के खिलाफ 8 मामले दर्ज थे। इन दोनों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। जगन्ना की पत्नी संगीता पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ स्थल से जेसीबी के साथ गोला-बारूद बरामद
पुलिस के अनुसार मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है। इस बारे में बताते हुए आईजी ने बताया कि एक एके-47 राइफल, एक मैगजीन और 26 जिंदा कारतूस, एक इंसास राइफल, दो 303 राइफल, एक 12 बोर की बन्दूक, 7 जिंदा कारतूस, चार मज़ल लोडिंग गन, चार ए बैरल ग्रेनेड लांचर, जिंदा ग्रेनेड शेल और अन्य गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।
इसके अलावा मौके से एक कंप्यूटर, प्रिंटर मशीन, सैटेलाइट संचार उपकरण, मिट्टी खोदने वाली जेसीबी मशीन, दैनिक उपयोग की वस्तुएं, माओवादी साहित्य, सोलर प्लेट और बर्तन भी बरामद किए गए हैं।