Bharatiya Janata Party (BJP) News! बीजेपी के लिए पांच राज्यों के चुनाव सबसे अहम है ।बीजेपी के लिए वे दो राज्य तो और भी अहम है जहां उनकी सरकार है ।ये राज्य हैं मध्यप्रदेश और मिजोरम ।एमपी में बीजेपी लगभग 20 साल से सत्ता में है फिर भी उसे लगता है उसे सत्ता में और भी रहने चाहिए ।उधर मिजोरम में बीजेपी की सहयोगी पार्टी की सरकार है ।बीजेपी को राजस्थान भी चाहिए और तेलंगाना भी ।लेकिन मिले कैसे ? कौन पड़ोस कर देगा ?
बीजेपी नेताओं में भड़का लगा हुआ है ।है रोज कोई न कोई नेता पार्टी से जुदा हो रहा है ।जो पार्टी छोड़ता है वह गली भी देता है और कि तरह के इल्जाम भी लगता है ।बीजेपी पर भी कई तरह के इल्जाम लग रहे है ।राजस्थान से लेकर एमपी तक नए उम्मीदवारों के विरोध चल रहे है ।नारे लगाए जा रहे है और दफ्तर में लट्ठम्म लठ भी हो रहा है ।
इधर बीजेपी की एक और हालत देखी जा रही गई पार्टी ने अघोषित नियम बना रखा है कि वह परिवारवाद को नहीं बढ़ाएगा ।दूसरा नियम है कि 75 साल बाद किसी को टिकट नही मिलेगा ।यह अघोषित नियम मोदी जी के आगमन के साथ हुआ है ।इस नियम के पहले शिकार आडवाणी और जोशी जी ही हो चुके है ।वी क्या कर रहे है कोई नही जानता ।
लेकिन इस बार बीजेपी ने उम्र की पाबंदी वाला नियम खत्म कर दिया है ।एमपी में कई ऐसे उम्मीदवार बीजेपी के खड़े हाइट हैं जिनकी उम्र 75 साल से ज्यादा है । अब बीजेपी के की पुराने नेता भी चुनाव मैदान में जाने को तैयार है या यह कहा जाए कि बहुत से पुराने नेताओं को उम्मीद जग गई है । एमपी में अभी दो ऐसे नेताओं को बीजेपी ने टिकट दिया है जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है । दोनो के नाम नागेंद्र सिंह ही है ।एक सतना की नौगढ़ सीट से लड़ रहे है तो दूसरे रीवा की गूदा सीट सेसीदान में हैं । इसके अलावा पूर्व मंत्री जयंत मलैया को भी दमोह सीट से उतारा गया है । वी भी तो 76 साल के हैं । 74 साल के सीताशरण शर्मा को भी टिकट दिया गया है ।ये होशंगाबाद से मैदान में हैं ।
इसके बाद परिवारवाद की राजनीति हालाकि बीजेपी में अभी कम दिख रही है लेकिन यह खत्म नहीं है ।इसके साथ ही महिला आरक्षण की बात करने वाली बीजेपी में अभी महिलाओं को ज्यादा टिकट नही दिए गए है ।राजस्थान में उम्मीद की जवर्षी थी बीजेपी काफी संख्या में महिला उम्मीदवार उतार सकती है लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका ।यही हाल एमपी और छत्तीसगढ़ में भी है ।बीजेपी के सामने चुनाव जीतने का लक्ष्य है ।बीजेपी मान कर चल रही है कि कम से कम तीन राज्यों में उसकी सरकार बने ।