उत्तर प्रदेश(uttar pradesh) की क्राइम ब्रांच पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. जिसमें पुलिस ने 13 किलो चरस और 1 किलो अफीम के साथ 5 आरोपियों को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है. जिनमें 4 महिलाएं और एक पुरूष तस्कर शामिल हैं. पांचो को हिरासत मे लेने के बाद पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि यह लोग नेपाल बॉर्डर से किसी सुमित नाम के शख्स से यह नशीला पदार्थ लेकर दिल्ली–एनसीआर (Delhi- NCR) के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई करते थे. जिसकी जानकारी सुमित उन सप्लायर को फोन कॉल पर सप्लाई करता था.
इस काम के लिए हर तस्कर को 12-12 हजार रुपए मिलते थे. यह यह गैंग नेपाल बॉर्डर से बिहार के रास्ते होते हुए दिल्ली के अलावा गाजियाबाद,हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर,मुजफ्फरनगर में नशे के एजेंटों को नशे के कोरियर की सप्लाई पहुंचा रहा था.
तस्कर गैंग को हिरासत मे लेने के बाद पुलिस ने इनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया नशे के सप्लॉयर ने इन्हें 13 किलो चरस और 1 किलो अफीम अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करने के लिए दी थी. नशे का पहला कोरियर मुरादनगर स्थित काइट कॉलेज(Kite college) के पास पहुंचाना था, तभी पुलिस ने इन्हे गिरफ्तार कर लिया. काइट कॉलेज के पास मादक पदार्थो की सप्लाई पहुंचाने का मतलब साफ है कि कॉलेज मे पढ़ने वाली युवाओं की नई पीढ़ी को यह नशे की खेप बर्बाद करने के लिए पहुंचाई जा रही थी.
इस नशे की खेप के साथ पुलिस ने इन तस्कर गैंग के कोरियर पहुंचाने वाले 5 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है.एसीपी क्राइम ब्रांच अजीत कुमार ने बताया पकडे गए तस्कर सलीम खान , शैगुल निशा, जौहरा खातून, मोमीना खातून बिहार के मोतीहारी जिले के बथना और सुगोली गांव के रहने वाले है क्राइम ब्रांच पुलिस को पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वह ट्रेनों में जनरल कोच(General coach) में सफर करते हैं. भीड़ ज्यादा होने पर कोच में पुलिस की चेकिंग नहीं होती जहां उन्हें उतरना होता है, वहां पहले एक व्यक्ति ट्रेन से उतरकर देखता है कि आसपास चेकिंग तो नहीं हो रही. इसके बाद मौका देखकर बाहर निकल जाते थे . स्टेशन पर पहुंचने के बाद स्टेशन पर मौजूद रिसीवर को अपने पास बुलाकर उनके हिस्से की नशे की खेप उनको देते थे
पकडे गए तस्कर गैंग के पास से 13 किलो चरस मिली है. इसके साथ 1 किलो अफीम भी इन तस्करों के पास से पुलिस ने बरामद की है. दोनों मदक पदार्थों की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में करोड़ों रूपये बताई जा रही है. लेकिन पुलिस की गिरफ्त से वह बड़े मगरमच्छ अभी दूर है जो इस सप्लाई विदेश मे बैठकर करते हैं.