Bihar News: बिहार विधानसभा में पॉलिटिकल ड्रामा हुआ, उसकी पटकथा करीब दो हफ्ते पहले ही लिखी जा चुकी थी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पलटी मार कर एनडीए में आने के बाद से ही आशंका जताई जा रही थी कि विश्वास मत के दौरान हंगामा होना तय है और हुआ भी वही। तेजस्वी यादव ने बेहद तल्ख तेवर दिखाते हुए नीतीश कुमार पर करारा प्रहार किया। सियासी वाद-विवाद इतना बढ़ा कि बात परिवारवाद तक आ गई। तेजस्वी ने सीना ठोक कर खुद का लालू यादव का बेटा बताया। तो नीतीश ने बिहार में लालू राज को हथियार बनाकर तेजस्वी के खिलाफ़ ही पलटवार कर दिया।
बाप-बेटे के सियासी बैकग्राउंड से मुद्दा आगे बढ़ा तो तेजस्वी रामायण युग में पहुंच गए.. और नीतीश कुमार को राजा दशरथ तो बीजेपी को कैकेयी बता डाला। तेजस्वी ने बार-बार पलटने को लेकर नीतीश की मजबूरियों पर भी सवाल किया।साथ ही तंज कसते हुए बीजेपी से पूछा कि नीतीश आगे नहीं पलटेंगे इसकी क्या गारंटी है.। तेजस्वी के आरोपों पर नीतीश ने भी निशाना साधने में देर नहीं लगाई।
तेजस्वी यादव ले कसा नीतीश कुमार पर तंज
तेजस्वी यादव यूं तो नीतीश कुमार पर पलटी मारने के लिए तंज कस रहे थे। मगर हकीकत ये थी कि उनके खुद के दो विधायक फ्लोर टेस्ट से पहले पलटी मार कर एनडीए खेमे में शामिल हो चुके थे। आरडजेडी के इन बागी विधायकों के नाम हैं, निर्मला देवी और प्रह्लाद यादव।
हालांकि जोड़-तोड़ की आशंका तो पहले से थी। मगर दो दिन पहले तक जो आरजेडी बार-बार जेडीयू के साथ खेला करने का दावा कर रही थी। ऐन मौके पर उनके साथ ही खेल हो गया.. यही वजह है कि तेजस्वी यादव सदन में तमतमा उठे। तेजस्वी के तेवर अपने बागी विधायकों पर गर्म थे। मगर उनके असली निशाने पर नौवीं बार सूबे के सीएम और उनके पुराने सहयोगी नीतीश कुमार थे। हालांकि तेजस्वी ने चाचा को ऑफर भी दिया कि अगर कोई दिक्कत होगी तो वो फिर से हाज़िर रहेंगे।
मगर नीतीश पहले ही कह चुके हैं कि इस बार वो हमेशा के लिए वापस आए हैं र यही बात NDA खेमे के नेता भी कह रहे हैं। ज़ाहिर है टीम मोदी के मिशन 400+ के लिए बिहार के जिस सियासी मैदान की दरकार । वो अब लगभग तैयार है, NDA गठबंधन में फिर से शामिल हुए नीतीश कुमार के विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के साथ ही NDA गठबंधन ने लोकसभा में अपने लक्ष्य की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है।
कांग्रेस को मिल रहै एक के बाद एक झटके
तो वहीं दूसरी कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे है। बता दें कि महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण ने आज इस्तीफा दिया है। उनसे पहले बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। जबकि 12 और ऐसे नेता हैं जिनके नाम पर चर्चा तेज़ है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से गुलाम नबी आजाद भी कांग्रेस से अलग हो चुके हैं।जबकि मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी पहले अलग हो कर बीजेपी में शामिल हुए थे।
इसी तरह दिल्ली से पूर्व सांसद कपिल सिब्बल भी कांग्रेस को बॉय बोल चुके हैं। जबकि उत्तर प्रदेश से कांग्रेस को लगातार झटके लगते रहे हैं। यहां से आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद पहले ही कांग्रेस से अलग हुए थे। जबकि हाल ही में प्रमोद कृष्णम भी बाहर का रास्ता पकड़ चुके हैं। इसी तरह पंजाब से सुनील जाखड़ और गुजरात से हार्दिक पटेल कांग्रेस से अपना मोह भंग कर चुके हैं। देखना ये है कि अब कांग्रेस 2024 के चुनाव के लिए कैसे कमर कसती है।