Bihar Political Update: कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा है। महागठबंधन की ओर से राजद ने बीमा भारती को पूर्णिया से टिकट देने का ऑफर दिया है। पप्पू यादव ने कहा कि आज मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ है, क्योंकि मैंने सबका दिल जीता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया है। मैं भारत गठबंधन को मजबूत करने के लिए काम करूंगा। किसी भी कीमत पर कांग्रेस की सरकार बननी चाहिए। देश में युवाओं और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा होनी चाहिए।
मैं I.N.D.I गठबंधन को आगे बढ़ाता रहूंगा
पप्पू यादव के अनुसार, पिछले 14 दिनों से लोग पूर्णिया के बारे में पूछ रहे हैं। मैंने लालू यादव से कहा कि पूर्णिया ने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा और यहां से जाना मेरे लिए आत्महत्या करने जैसा होगा। मैं भारत गठबंधन को आगे बढ़ाने के लिए काम करने की योजना बना रहा हूं। मैं लालू यादव की दोनों बेटियों के संसदीय क्षेत्रों का भी दौरा करूंगा और उनकी मदद करूंगा।
तेजस्वी यादव पर निशाना साधा
पप्पू यादव ने नामांकन दाखिल करने से पहले तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं तेजस्वी यादव को नफ़रत की राजनीति बंद करने की सलाह दूंगा। उन्हें अपने अखिल भारतीय गठबंधन की भी सराहना करनी चाहिए। राजनीति में कोई विरोधी नहीं होता। मैं हमेशा लालू यादव का आशीर्वाद चाहता हूं। मेरी प्रतिबद्धता यहां के लोगों के प्रति है। मैं बिहारियों का सम्मान करता हूं। मैं दूसरों का भी सम्मान करता हूं।
मधेपुरा से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया
पप्पू यादव ने दावा किया कि राजद के एक नेता ने उनसे मधेपुरा से चुनाव लड़ने के लिए संपर्क किया था। हालांकि, मैंने कहा कि मैं राजद के चुनाव चिह्न पर पूर्णिया से चुनाव लड़ सकता हूं, लेकिन मधेपुरा से नहीं। राजद चाहे तो मधेपुरा से बीमा भारती को चुनाव लड़ा सकता है।
आपको बता दें कि पप्पू यादव ने हाल ही में चुनाव से ठीक पहले अपनी पार्टी का कांग्रेस के साथ विलय किया था। उन्होंने पूर्णिया से कांग्रेस का टिकट मांगा था, लेकिन पूर्णिया और मधेपुरा दोनों सीटें राजद को दे दी गईं। सीट बदलने की भी चर्चा थी, लेकिन राजद ने बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया।
लालू ने कांग्रेस को फंसाया
देश में भले ही इंडी एलायंस नाम से अभी भी चंद पार्टियां ही हैं, लेकिन टिकट बंटवारे का काम बड़ी क्षेत्रीय पार्टियों के क्षत्रप ही संभालते हैं। ममता बनर्जी बंगाल में इंडी एलायंस की सदस्य हैं, लेकिन जब सहयोगियों ने उनकी उम्मीद के मुताबिक काम नहीं किया तो उन्होंने साथ छोड़ दिया। महाराष्ट्र में भी यही स्थिति है। बिहार और उत्तर प्रदेश ही दो ऐसे राज्य हैं, जहां बड़े क्षेत्रीय दलों के सुप्रीमो ही सारे फैसले लेते हैं। उत्तर प्रदेश में यह काम समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने किया, जबकि बिहार में इसकी कमान आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के हाथों में है।