Sliderट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबरराजनीति

Political News Today: राहुल गांधी की कश्मीरी पंडितों पर बोलते वक्त जुबान फिसलने से भाजपा नाराज

BJP angry over Rahul Gandhi's slip of tongue while speaking on Kashmiri Pandits

Political News Today: वरिष्ठ कांग्रेस नेता (Senior Congress Leader) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की जुबान बुधवार, 25 सितंबर को जम्मू एवं कश्मीर (Rahul Gandhi) में एक रैली (Rally) में बोलते समय फिसल गई, जहां विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के दूसरे चरण (Second Phase) के लिए मतदान चल रहा है। उन्होंने “कश्मीरी पंडित” की जगह “पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) से आए शरणार्थी” कह दिया और अपनी गलती का एहसास होने पर उन्होंने तुरंत अपनी गलती सुधारी।

गांधी ने कहा कि, पूर्व प्रधानमंत्री (Former Prime Ministers) मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने पीओके से आए शरणार्थियों (Refugees) से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने “सॉरी” कहा और इसे बदलकर “कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) से किए गए वादे” कर दिया। रैली में उन्होंने कहा, “मनमोहन सिंह जी ने पीओके से आए शरणार्थियों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया जाएगा, माफ कीजिए कश्मीरी पंडितों, कश्मीरी पंडितों से किए गए वादे पूरे किए जाएंगे।”

लेकिन, यह बात किसी की नजर में नहीं आई और इससे सत्तारूढ़ भाजपा (Ruling BJP) को भरपूर मौका मिल गया। पार्टी के वरिष्ठ नेता (Senior Party Leaders) अमित मालवीय (Amit Malviya) ने गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विदेश में बैठे कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) चाहते हैं कि हर कोई यह मान ले कि “वह अब पप्पू नहीं रहे।” उन्होंने कहा कि, लोकसभा में विपक्ष के नेता पीओके रिफ्यूजीज और कश्मीरी पंडितों के बीच फर्क नहीं कर पाए।

उन्होंने भाषण के वीडियो के साथ एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “फिर सैम पित्रोदा हमें यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि वह अब पप्पू नहीं रहे। विपक्ष का नेता होने के नाते वह पीओके के शरणार्थियों (Refugees from POK) और कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) के बीच अंतर नहीं कर सकता। कश्मीर में गड़बड़ी जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की विरासत है। जैसे कि वह पर्याप्त नहीं था, अब हमारे पास राहुल गांधी भी हैं।”

आंध्र प्रदेश भाजपा नेता (Andhra Pradesh BJP Leader) विष्णु वर्धन रेड्डी (Vishnu Vardhan Reddy) ने कहा, “चाहे आप सच्चाई को छिपाने की कितनी भी कोशिश कर लें, यह अंततः सामने आ ही जाती है।” उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “गलती से ही सही, वास्तविक सच बोलने के लिए राहुल गांधी को बधाई।”

रेड्डी ने एक अन्य पोस्ट में कहा, “तो मूल रूप से, राहुल गांधी जम्मू में कह रहे हैं कि ‘भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक बाहरी व्यक्ति है, इसलिए उनके साथ यह एक इंजस्टिस है।’ लेकिन यही कांग्रेस और उसके सहयोगी हमेशा कश्मीर के मामले में पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हैं। इसलिए, उनके लिए भारत सरकार बाहरी है, लेकिन पाकिस्तान नहीं।”

गांधी ने जम्मू-कश्मीर में दो रैलियों को संबोधित किया – एक जम्मू (Jammu) में और दूसरी सोपोर (Sopore) में। दोनों सार्वजनिक सभाओं (Public Meetings) में उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश (Union Territories) को राज्य का दर्जा बहाल करने पर विस्तार से बात की।

जम्मू में आयोजित रैली में उन्होंने कहा, “भारत के इतिहास में 1947 के बाद कई केंद्र शासित प्रदेशों को राज्यों में बदल दिया गया। राज्यों का बंटवारा किया गया – आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से तेलंगाना (Telangana) बनाया गया, बिहार (Bihar) से झारखंड (Jharkhand) बनाया गया, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) बनाया गया। लेकिन, आज़ादी के बाद पहली बार किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया? ऐसा जम्मू-कश्मीर के साथ किया गया। यह आपके साथ अन्याय है। आपसे आपके लोकतांत्रिक अधिकार (Democratic Rights) छीन लिए गए हैं।”

उन्होंने कहा, “आज जम्मू-कश्मीर के लोगों की जगह दूसरे राज्यों के लोग सरकार चला रहे हैं। हमें लगा था कि चुनाव से पहले आपको राज्य का दर्जा वापस मिल जाएगा। यह सही तरीका होता, लेकिन यह सही है कि वे पहले चुनाव करा रहे हैं। लेकिन हम आपके लोकतांत्रिक अधिकार चाहते हैं, जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा आपको वापस दिया जाना चाहिए।”

उन्होंने सोपोर में अपनी बात दोहराते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए और यह तभी होगा जब भारत ब्लॉक (India Block) की सरकार बनेगी। उन्होंने भाजपा को क्रिटिसाइज करते हुए कहा कि पार्टी की आइडोलॉजी नफरत की है और उसने इसे पूरे देश में फैला दिया है।

उन्होंने कहा, “हम चाहते थे की चुनाव से पहले राज्य का दर्जा बहाल (Restore) हो जाए। जम्मू-कश्मीर के सभी लोग चाहते थे कि राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद चुनाव हों लेकिन ऐसा नहीं हुआ, पहला कदम चुनाव है। लेकिन इसके बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा। इसके लिए संसद (Parliament) में भारत गठबंधन (India Alliance) पीएम मोदी (PM Modi) पर दबाव बनाएगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो केंद्र में भारत गठबंधन की सरकार बनते ही हम आपका राज्य का दर्जा बहाल कर देंगे।”

Chanchal Gole

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button