Black day for Gold: बजट के बाद सोने की चमक पड़ी फीकी , महिलाओं को 10 लाख करोड़ का नुकसान
Gold lost its shine after the budget, women lost Rs 10 lakh crore
Black Day For Gold: बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोने पर कस्टम ड्यूटी घटाने के ऐलान के बाद सोने की कीमतों में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जिससे देश के आम लोगों की बचत की वैल्यू में करीब 11 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। यह गिरावट स्टॉक मार्केट के इतिहास में एक दिन में आई छठी सबसे बड़ी गिरावट से तुलना की जा सकती है। इसका सीधा असर लाखों भारतीय परिवारों पर पड़ा है, क्योंकि भारत में मिडिल क्लास परिवार सोने में अधिक निवेश करते हैं। भारतीय परिवारों के पास दुनिया का सबसे बड़ा सोने का भंडार है, जो दुनिया के कुल सोने का लगभग 11 प्रतिशत है और यह अमेरिका, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और IMF के कुल गोल्ड रिजर्व से भी अधिक है।
बजट का प्रभाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने के बाद से सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। बजट के बाद सोने की चमक फीकी पड़ गई है और इसकी कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर भारतीय माताओं और बहनों पर पड़ा है, जिनकी संपत्ति की वैल्यू में अचानक से भारी कमी आ गई है।
महिलाओं पर प्रभाव
भारत में सोने को पारंपरिक रूप से एक महत्वपूर्ण निवेश और सुरक्षा का साधन माना जाता है। विशेषकर माताओं और बहनों के लिए सोना न केवल आभूषण के रूप में, बल्कि वित्तीय सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में भी देखा जाता है। सोने की कीमतों में गिरावट से उनकी संपत्ति की वैल्यू में एक झटके में भारी कमी आई है।
10 लाख करोड़ का नुकसान
बजट के बाद सोने की कीमतों में गिरावट के कारण भारतीय महिलाओं को लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह नुकसान न केवल आर्थिक है, बल्कि यह उन परिवारों की सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता पर भी असर डालता है जो सोने पर निर्भर हैं। यह स्थिति उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है जो अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए सोने पर भरोसा करती हैं।
बजट में सोने पर कर और नीतियों का प्रभाव
सोने की कीमतों में गिरावट का एक कारण बजट में सोने पर लगाए गए कर और नई नीतियां हो सकती हैं। सरकार द्वारा आयात शुल्क या अन्य करों में बदलाव ने सोने की कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि ये बदलाव सोने की कीमतों में अस्थिरता का कारण बन सकते हैं और निवेशकों को अन्य सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर धकेल सकते हैं।
निवेशकों की प्रतिक्रिया
सोने की कीमतों में गिरावट से निवेशकों की प्रतिक्रिया भी मिश्रित रही है। कुछ निवेशक इसे खरीदने का अवसर मान रहे हैं, जबकि अन्य निवेशक इससे दूर रहने का प्रयास कर रहे हैं। सोने की कीमतों में इस अस्थिरता ने बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी है और निवेशकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
सोने की कीमतें कब बढ़ेंगी?
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर कमोडिटी एनालिस्ट, जिगर त्रिवेदी ने बताया कि अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, फेस्टिव सीजन में बढ़ती मांग, भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंक की नीतियां सोने के दाम को फिर से बढ़ा सकती हैं। निवेशकों को इन कारणों पर नजर रखना चाहिए।