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Elon Musk का टूटा सपना. दुनिया का सबसे विशाल रॉकेट लॉन्च हाने के 4 मिनट बाद ही हुआ ब्लास्ट

Space X  20 अप्रैल 2023  गुरुवार को अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रचने वाली थी. अमेरिका के टेक्सास शहर से अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट ‘Starship’ लॉन्च हुआ, लेकिन कुछ ही समय बाद यह विफल हो गया। ये रॉकेट एलन मस्क की कंपनी Space X ने बनाया है। मंगल और चंद्रमा ग्रह पर इंसानो को भेजने का Elon musk ने सपने देखा था जिसको पूरा करने के लिए वो लगातार कोशिशो मे जुटे थे लेकिन Elon musk की कंपनी Space X का इतिहार बनाने का सपना टूट गया. 20 अप्रैल को Starship का ऑर्बिटल  दुनिया के सबसे विशालकाय रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च तो कर दिया गया लेकिन 4 मिनट बाद ही वह ब्लास्ट हो गया. इंसानो को मंगल पर ले जाने वाले इस रॉकेट को भारतीय समयानुसार 20 अप्रैल को शाम 7 बजकर 3 मिनट पर टेक्सास के बोका चिका फेसिलिटी से टेस्ट फ्लाइट के लिए लॉन्च किया गया था. लॉन्च के बाद शुरूआत में तो सब ठीक लग रहा था,

इस ब्लास्ट की वजह से रॉकेट के हवा में ही चीथड़े- चीथडे उड़ गए. कंपनी के एक अधिकारी ने कहा है कि starship के साथ वह हुआ है जिसमें वह रेपिड अनप्लांड डिसेम्बली कहते हैं। अब इस Rocket लांचिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें साफ दिख रहा है कि लॉन्चिंग के बाद यह रॉकेट जमीन से बहुत ऊंचाई पर पहुंच चुका था। लेकिन अचानक ही इसमें विस्फोट हो गया। इसे elon musk से लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। हालांकि इस Starship के असफल लांचिग के बाद भी space x ने इस प्रयास को सराहा है. लॉन्च फेल होने की वजह का अभी पता नही चल पाया है. जांच के बाद ही पता चलेगा.

Space X  को Starship  को पहले 17 अप्रैल को भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी खराबी के चलते इसकी लॉन्चिंग टाल दी गई थी। यह दुनिया का सबसे बडा रॉकेट है जिसको मंगल तक इंसानो को ले जाने के लिए तैयार किया गया था. स्पेस-X के Starship स्पेसक्राफ्ट और इस बड़े रॉकेट को मिलाकर इन्हें Starship नाम दिया गया है. ये स्टारशिप 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जाने में सक्षम होगा. ये इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में सक्षम होगा.इसका मतलब है कि आप कोई इंटरनेशनल ट्रिप 30 से 40  मिनट मे पूरी करा सकता है.

इस Starship को दुनिया का सबसे बड़ा Rocket बताया जाता है. इसकी ऊंचाई 394 फीट और. व्यास 29.5 फीट है यह रॉकेट 2 हिस्से में बंटा हुआ है। ऊपर वाले हिस्से की ऊंचाई 164 फीट है। इसके अंदर 1200 टन ईंधन आता है. अगर बात दूसरा हिस्से की करे इसको दोबारा यूज किया जा सकता है इसकी ऊंचाई 226 फीट है। यानी यह स्टारशिप को एक ऊंचाई तक ले जाकर वापस आ जाएगा। इसके अंदर 3400 टन ईंधन आता है। इसे 33 रैप्टर इंजन ऊर्जा प्रदान करते हैं. 2 साल पहले Space X ने चालक दल के चंद्र लैंडर के रूप में Starship का उपयोग करने के लिए नासा से लगभग 3 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट किया था. नासा के आर्टेमिस मून प्रोग्राम के तहत Starship का उपयोग किया जाएगा। स्पेसएक्स और नासा मिलकर SLS रॉकेट और ओरियन कैप्सूल के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह तक पहुंचाएंगे.

Prachi Chaudhary

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