CAA Latest News Update: सोमवार को जैसे ही केंद्र की मोदी सरकार ने देश भर में सीएए लागू करने की अधिसूचना जारी की ,देश के कई राज्यों की राजनीति अचानक गर्म हो गई। सबसे ज्यादा राजनीतिक हलचल असम में बढ़ गई है और सुने के 30 संगठनों ने इसका विरोध करने का ऐलान किया है। जो खबर मिल रही है वह काफी भयानक है। असम की अखिल असम छात्र इकाई ने इस कानून का तो विरोध किया ही है। राज्य के 30 संगठनों ने भी सरकार के खिउलाफ मोर्चा खोल दिया है। इधर सरकार ने किसी हादसे की सम्भावना को देखते हुए बड़े स्तर पर राज्य में सुरक्षा बालों की तैनाती कर दी है और किसी भी संकट से निपटने की तैयारी भी है।
असम की छात्र इलाकि ने जहां राज्य के कई जिलों में सीएए अधिसूचना की कॉपी को फॉर दिया है और सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर इस अधिसूचना को वापस नहीं लिया गया तो मामला आगे बढ़ेगा और फिर सरकार की परेशानी भी बढ़ सकती है। आज असम में हड़ताल भी जारी हो गया है। छात्र इकाई ने कहा है कि असम के हर जिले में इसके खिलाफ प्रदर्शन भी होगा और सरकार की इस नीति के खिलाफ आम जनता भी सड़कों पर उतरेंगे।
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही बीजेपी की सरकार ने सीएए को लागू करने की बात कही है। बीजेपी को लग रहा है कि इस कानून के लागू होने से वोटों का ध्रुवीकरण होगा और बीजेपी को लाभ होगा। उधर असम में 16 पक्षीय संयुक्त विपक्षी मंच ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू करने की बात कही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ असम के हर जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जा रहे हैं और अधिक से अधिक पुलिस बालों की तैनाती भी की जा रही है।
असम में सभी पुलिस तजानो को अलर्ट कर दिया गया है। राज्य के सभी प्रमुख मार्गो पर बैरिकेट्स लगाए जा रहे हैं। पहले जहाँ इस कानून के खिलाफ व्यापक विरोध किये गए थे उन स्थानों को सील करने की तैयारी चल रही है। आसु समुज्जल भटाचार्य ने कहा है कि हम सीएए के खिलाफ अहिंसक लड़ाई लड़ने की शुरुआत कर रहे हैं। यह लोकतान्त्रिक आंदोलन होगा और अपनी क़ानूनी लड़ाई को आगे नधाते रहेंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने जिस तरह से इसे लागू करने की बात कही है उससे बीजेपी को कितना लाभ होगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन जानकार कह रहे हैं कि अगर चुनाव के समय यह आंदोलन देश के कई हिस्सों में फ़ैल गया तो खेल खराब होगा। लोगों की परेशानी भी बढ़ेगी और बीजेपी को भी इसका झटका लग सकता है।