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Captain Brijesh Thapa: इंजीनियर करने के बाद चुना फौज में जाना, जाने शहीद कैप्टन बृजेश की कहानी

Captain Brijesh Thapa: After engineering, he chose to join the army, know the story of martyr Captain Brijesh

Captain Brijesh Thapa: देश की सेवा हर कोई करना चाहता है लेकिन अपनी जान की बाजी लगाना हर किसी के बस में नहीं होता है। हमारे सैनिक हर रोज देश की सेवा के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार रहते हैं और हम एक ऐसे ही सैनिक के बारे में आपको बताएंगे। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकियों के साथ भारतीये सैनिक की मुठभेड़ हुई थी जिसमें 4 जवान शहीद हो गएं थे।

उनमें से एक कैप्टन बृजेश थापा भी शामिल थे। कैप्टन की शहादत के बाद उनके पिता कर्नल भुवनेश के. थापा और उनकी मां नीलिमा थापा ने अपने बेटे के बारें में कहा कि हमें अपने बेटे पर गर्व हैं। उसने देश के लिए जान दी है, साथ ही कहा की इतने बडे़ ऑपरेशन में मेरा बेटे का डटकर खड़ा रहा, अपने बेटे को याद करते हुए बृजेश के पिता की आखें भर गई। उन्होंने ने कहा कि वो बचपन से सेना में भरती होना चाहता था, बचपन में वह अपने पिता के सैनिक वाले कपड़े पहनकर घूमता था साथ ही बताया कि जब मेरे बेटे का पार्थिव शरीर मेरे घर वापस आएगा, उस समय वो एक सैनिक के रूप में अपने बेटे को ‘सलाम’ करेंगे। यह वक्त उन सभी के लिए काफी गंभीर है।

Brijesh Thapa की कहानी

बृजेश थापा का जन्म 15 जनवरी 1997 में हुआ था और 15 जनवरी के दिन सेना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। बृजेश बच्चपन से सेना में जाने का शौक था। मुंबई के आर्मी स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की, उसके बाद में मुंबई के ही एक कॉलेज से बी.टेक भी कर ली। उसके बाद वह सेना में जाने का मन बना लिया। उन्होंने एक ही बार में सैनिक की परीक्षा को पास कर ली और 2018 में ट्रेनिंग शुरू हुई और 2019 में Brijesh Thapa ने सेना में शामिल हो गए। बृजेश के परिवार में माता-पिता के साथ एक बड़ी बहन भी हैं। इनकी बड़ी बहन निखिता थापा ऑस्ट्रेलिया में संगीत की पढ़ाई कर रही हैं। 17 जुलाई को अपने घर पहुंचेंगी जिसके बाद बृजेश के पार्थिव शरीर को दार्जिलिंग लाया जाएगा और वहां पर उनकी अंतीम संस्कार किया जाएगा।

Khushi Singh

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