CBI News: केंद्रीय जांच ब्यूरो विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन से संबंधित एक नए केस में छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है। एजेंसी ने अपनी प्रारंभिक जांच के तहत केस से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है।
CBI ने FCRA उल्लंघन मामले में IAS से सामाजिक कार्यकर्ता बने हर्ष मंदर (harsh mandar) के आवास और कार्यालय पर छापा मारा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन से संबंधित एक नए मामले में यह कार्रवाई कर रहा है। एजेंसी ने अपनी प्रारंभिक जांच के तहत मामले से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यरो ने लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर द्वारा स्थापित एक गैर सरकारी संगठन (NGO) के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज किया है।
गृह मंत्रालय ने कहा था कि FCRA की धारा 3 के तहत पंजीकृत समाचार पत्र के संवाददाताओं, स्तंभकारों, कार्टूनिस्टों, संपादकों, मालिक, मुद्रक, प्रकाशक द्वारा विदेशी योगदान को स्वीकार करने पर प्रतिबंध है मगर मंदर अखबारों और वेब पोर्टलों में कॉलम और लेख लिखते रहे हैं।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, अमन बिरादरी गैर-FCRA संगठन है। CIS ने गैर-FCRA संगठनों को विदेशी योगदान के हस्तांतरण के लिए माध्यम के रूप में काम किया है। अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली के एक रिसर्च ग्रुप और ‘कारवां-ए-मोहब्बत’ के सहयोग से सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज की एक रिपोर्ट जून 2020 में सीईएस द्वारा प्रकाशित की गई थी। कारवां-ए मोहब्बत गैर-FCRA एसोसिएशन अमन बिरादरी ट्रस्ट (ABT ) के तहत चलाया गया एक अभियान है, जो सेंटर ऑफ इक्विटी स्टडीज और हर्ष मंदर से निकटता से जुड़ा हुआ है।
हर्ष मंदर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में भड़काऊ भाषण देने के लिए ये चर्चा में आए थे। ये वैसे तो पूर्व IAS हैं, लेकिन फिलहाल कांग्रेस के दुलारे, ‘एक्टिविस्ट’ हैं। इनके NGO के खिलाफ दिल्ली में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस के मुताबिक राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग की शिकायत पर उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबॉ होम के खिलाफ मंगलवार को महरौली थाने में मामला दर्ज किया गया। ये दक्षिण दिल्ली में हैं और इनकी स्थापना सेंटर फॉर इक्यूटी स्टडीज (CSE) ने की है। CSE का संचालन हर्ष मंदर करते हैं।
दिल्ली दंगों में है नाम
आपको बता दें हर्ष मंदर का नाम दिल्ली दंगों में अभियुक्त के रूप में है। चार्जशीट में उन्हें दंगा भड़काने के आरोप में अभियुक्त बनाया गया है। एक्टिविस्ट गैंग के खास चेहरे मंदर भी अपने बाकी साथियों की तरह कानून संविधान, Supreme court किसी पर भरोसा नहीं रखते। मूल चरित्र अलगाववादी, प्रत्यक्ष तौर पर हर भारत विरोधी ताकत के साथ।
वीडियो हुआ था वायरल
Harsh Mander का दिल्ली दंगों के दौरान एक video वायरल हुआ था। मंदर ने जामिया इलाकों में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि देश का भविष्य तय करने के लिए लोगों को सड़क पर उतरना होगा, क्योंकि NRC, अयोध्या व जम्मू-कश्मीर मामले में Supreme court मानवता, समानता और धर्मनिरपेक्षता को बचाने में नाकाम रहा है।