CBSE New Guideline: अब मातृभाषा में होगी बच्चों की शुरुआती पढ़ाई
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के अंतर्गत देशभर के सभी सीबीएसई स्कूलों के लिए नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह गाइडलाइन खास तौर पर 3 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों की पढ़ाई की भाषा को लेकर लागू की गई है। अब बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में दी जाएगी, जिससे उनका भाषा के स्तर पर मजबूत आधार बन सके।
CBSE New Guideline: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के अंतर्गत देशभर के सभी सीबीएसई स्कूलों के लिए नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह गाइडलाइन खास तौर पर 3 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों की पढ़ाई की भाषा को लेकर लागू की गई है। अब बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में दी जाएगी, जिससे उनका भाषा के स्तर पर मजबूत आधार बन सके।
मातृभाषा में शिक्षा: बच्चों के लिए लाभकारी कदम
सीबीएसई की नई नीति के अनुसार, 3 से 11 साल तक के बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाया जाएगा। यह कदम इस सोच पर आधारित है कि बच्चों के लिए अपनी मातृभाषा में पढ़ना-लिखना सहज होता है, जिससे वे बेहतर तरीके से सीख सकते हैं और उनकी बौद्धिक क्षमता भी विकसित होती है।
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स्कूलों में बनेगी विशेष कमेटी
सीबीएसई ने सभी स्कूलों को मई अंत तक एक विशेष कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। यह कमेटी छात्रों की भाषा संबंधी जरूरतों का मूल्यांकन करेगी और उनके लिए उपयुक्त टीचिंग मटेरियल तैयार करवाएगी। कमेटी को यह जिम्मेदारी भी दी गई है कि वह स्थानीय संसाधनों और पाठ्यक्रम की उपलब्धता का आकलन करे।
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लागू करने की समयसीमा और प्रक्रिया
CBSE ने निर्देश दिया है कि यह गाइडलाइन जुलाई 2025 के अंत तक सभी स्कूलों में प्रभावी रूप से लागू कर दी जाए। इसके लिए प्रत्येक स्कूल को हर महीने की 5 तारीख तक एनसीएफ के क्रियान्वयन की स्थिति पर एक स्टेटस रिपोर्ट CBSE को भेजनी होगी। रिपोर्ट सबमिट करने के लिए बोर्ड ने एक लिंक भी जारी किया है।
शिक्षकों को दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग
नई गाइडलाइन को लागू करने से पहले शिक्षकों को आवश्यक ट्रेनिंग और वर्कशॉप में भाग लेना अनिवार्य किया गया है। गर्मी की छुट्टियों तक सभी स्कूलों को पाठ्यक्रम और टीचिंग मटेरियल को मातृभाषा में तैयार करना होगा।
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एनसीएफ के चार प्रमुख चरण
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) ने स्कूल करिकुलम को चार भागों में विभाजित किया है:
फाउंडेशन स्टेज (3 से 8 वर्ष)
प्रिपरेटरी स्टेज (8 से 11 वर्ष)
मिडिल स्टेज (11 से 14 वर्ष)
सेकेंडरी स्टेज (14 से 18 वर्ष)
CBSE का यह निर्णय देश में मातृभाषा आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे बच्चों की बुनियादी शिक्षा मजबूत होगी और वे बेहतर समझ के साथ आगे की कक्षाओं में प्रवेश करेंगे।
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