Chhath Puja 2023 Date: हर साल कार्तिक माह में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। छठ के व्रत में स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस पावन पर्व के दौरान कई नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे में छठी मैया की कृपा प्राप्ति के लिए इन गलतियों को करने से बचना चाहिए।
छठ पूजा (Chhath Puja ) को एक बेहद ही पवित्र पर्व माना जाता है। यह पर्व सूर्यदेव और षष्ठी माता जिन्हें छठी माता के नाम से भी जाना जाता है, यह पर्व सूर्यदेव और षष्ठी माता को समर्पित माना गया है। छठी माता (Chhath Puja ) को संतानों की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है। खासकर यूपी और बिहार में छठ पूजा का उत्साह ज्यादा देखने को मिलता है। नहाय खाय से छठ पूजा (Chhath Puja ) त्योहार की शुरुआत मानी जाती है।
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छठ महापर्व की इस दिन से होगी शुरूआत
नहाय खाय (Chhath Puja ) का दिन – 17 नवंबर 2023, यानि शुक्रवार को नहाय खाय किया जाएगा।
खरना की (Chhath Puja ) तारीख – 18 नवंबर 2023, यानि शनिवार के दिन खरना किया जाएगा।
छठ पूजा का (Chhath Puja ) संध्या अर्घ्य – 19 नवंबर को छठ पूजा का संध्या अर्घ्य दिया जाएगा।
प्रसाद बनाते समय ध्यान रखें ये बातें
छठ पूजा (Chhath Puja ) में पवित्रता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसे में छठ पूजा (Chhath Puja ) का प्रसाद बनाते समय इसे भूलकर भी इसे जूठा न करें, साथ ही इसे बनाने से पहले कुछ भी नहीं खाना चाहिए। अपनी स्वच्छता का पूर्ण रूप ले ध्यान रखें। साथ ही प्रसाद बनाने वाली जगह भी एक दम साफ होनी चाहिए।
Chhath Puja में इन बातों का रखें खास ख्याल
ध्यान रहे कि छठ पूजा (Chhath Puja ) का प्रसाद बनाते समय चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का ही इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
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छठ पर्व पूजा (Chhath Puja ) के दौरान व्रत रहे साधक को सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले किसी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही व्रत करने वाले साधक को इस दौरान जमीन पर सोना चाहिए। इसके साथ ही छठ पूजा (Chhath Puja ) से करीब 10 दिन पहले से ही अरवा चावल और सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रसाद को घाट (Chhath Puja ) पर रखने के लिए सूप की आवश्यकता पड़ती है. इसके अलावा, इसका उपयोग अनाज को साफ कर रखने के भी काम आता है.
छठी माता (Chhath Puja ) के लिए बांस का एक डाला ले लें. इस डाले में ही पूजा की सामग्री को बांधकर घाट (Chhath Puja ) पर ले जाया जाता है.
डाला के साथ टोकरी भी खरीदें. इसमें आप छठी माता (Chhath Puja ) के लिए प्रसाद रखकर घाट पर लेकर जाते हैं
नए गेहूं और चावल की आवश्यकता पड़ती है जिसके आटे से छठी माता (Chhath Puja ) के लिए ठेकुआ और प्रसाद बनाया जाता है.
दूध और जल आदि रखने के लिए एक ग्लास, लोटा और थाली की आवश्यकता पड़ेगी.काले छोटे देसी चने भी प्रसाद में उपयोग आएंगे.
साफ गुड़ भी आप अपने सूची में लिखें. छठी माता (Chhath Puja ) के प्रसाद को बनाने लिए चीनी के स्थान पर गुड़ का प्रयोग किया जाता है.
मिठाई में आप मिठाई , लड्डू, खाजा, शहद ले सकते हैं.
प्रसाद बनाने (Chhath Puja ) के लिए आपको सूजी और मैदा की भी आवश्यकता पड़ेगी. इससे गुजिया और दूसरे प्रसाद तैयार किए जाएंगे.