चंदौली। चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले का मास्टर माइंड रामभवन सहित चार आरोपितों को स्पेशल जज पास्को कोर्ट में हाजिर किया गया। इन आरोपियों की मेडिकल जांच में एक आरोपी एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है। मुख्य आरोपी रामभवन को बांदा जेल से यहां लाया गया। शेष तीन आरोपी वाराणसी जिला कारागार से लाकर कोर्ट में पेश करने के लिए लाये गये थे।
रामभवन है मुख्य आरोपी
चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले के मुख्य आरोपी रामभवन है। वह बांदा जेल से पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय लाया गया था। तीन आरोपी पटना (बिहार) निवासी रेल कर्मचारी अजीत कुमार, चंदौली निवासी अजय कुमार गुप्ता व निजी आईटी कालेज के टीचर अविनाश कुमार को वाराणसी जिला कारागार से लाकर स्पेशल जज पास्को कोर्ट में किया गया। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तिथि निर्धारित की है।
16 अगस्त को हो चुकी है चार्जशीट दाखिल
बता दें कि सीबीआई टीम ने 16 अगस्त को नाबालिग बच्चों की अश्लील फोटो व वीडियो बनाकर बेचने के मामले में इन चार आरोपितों के खिलाफ स्पेशल जज पास्को राजेंद्र प्रसाद की अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सबसे पहले बांदा निवासी मास्टमाइंड रामभवन को गिरफ्तार किया था।
लालच देकर करते थे छोटे बच्चों का यौन शोषण
पुलिस का कहना है कि चारों आरोपितों के खिलाफ ठोस सबूत हैं। ये आरोपी अपने घरों के आसपास के छोटे और नाबालिग बच्चों को टॉफी, चॉकलेट देकर व मोबाइल पर गेम खिलाने और अन्य चीजों का लालच देकर उनका यौन शोषण करते थे। इस दौरान आरोपी बच्चों व नाबालिगों की अश्लील वीडियो बनाते लेते थे। फिर ये क्लीपिंग विदेशों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का अवैध कारोबार करने वालों को मोटी रकम लेकर बेच देते थे।
मोबाइल न मिलने पर किशोर खोली थी पोल
इस मामले का खुलासा तब हुए था, जब मुख्य आरोपी रामभवन ने एक किशोर को मोबाइल फोन देने का लालच दिया। उसने किशोर का यौन शोषण किया, लेकिन उसे वादा करके भी मोबाइल फोन नहीं दिया। इसके बाद उसने दो और बच्चों को इसी तरह का लालच देकर अपना शिकार बनाया। लेकिन एक बच्चे ने मोबाइल फोन न मिलने पर अपने साथ हुए कुकर्म की जानकारी अपने परिजनों को दे दी थी। तब रामभवन की करतूतों की सच्चाई सामने आयी और उसके साथी पर भी कानूनी शिंकजे में फंस गये।
दो तारीखों पर पेश नहीं हुआ था मुख्य आरोपी
विशेष अधिवक्ता पास्को शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि कोर्ट ने आरोपियों को 20 अगस्त तक न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया था, उस तिथि पर वाराणसी जिला जेल में बंद पटना निवासी अजीत कुमार, चंदौली के अजय कुमार गुप्ता व अविनाश को न्यायालय में पेश किया गया। लेकिन बांदा जेल में बंद मास्टर माइंड रामभवन हाजिर नहीं हो सका था।
तीन आरोपी हैं वाराणसी जेल में बंद
यही नहीं 9 सितंबर को भी बांदा जेल से लाकर मुख्य आरोपी रामभवन को अदालत में हाजिर नहीं किया जा सका था। इस पर कोर्ट सख्ती तेवर अपनाते हुए बांदा जेल अधीक्षक को पोर्नोग्राफी मामले के मास्टर माइंड को 16 सितंबर को हाजिर करने का आदेश दिया था। अदालत की सख्ती के बाद रामभवन को बांदा जेल प्रशासन ने कोर्ट में किया। उसके तीनों साथी आरोपियों को भी वाराणसी जेल से पेशी पर लाये गये।
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चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले के आरोपियों में शामिल अजय कुमार गुप्ता एचआईवी पॉजिटिव है। सीबीआई की चार्जशीट में दावा किया है कि वह चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कृत्य में खुद शामिल था। अजय बच्चों की अश्लील फ़िल्म बनाकर यौन शोषण की वीडियो भी मिली थीं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े सिंडिकेट का नेटवर्क विदेशों तक फैला हुआ था।