Impact America-China realtion after election in Us: एक बार फिर अमेरिका के चुनाव में Trump और briden आमने सामने भिड़ सकते हैं। दोनों नेताओं में से कोई भी आए वह चीन की टेंशन बढ़ाएगा। बाइडेन चीन को घेरने के लिए दुनिया के देशों को साथ ला रहे हैं। वहीं, ट्रंप की जीत चीन के लिए आर्थिक चुनौती देगी, क्योंकि पहले कार्यकाल में उन्होंने बीजिंग से ट्रेड वॉर की थी।
वॉशिंगटन: अमेरिका में साल 2024 में चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव के उम्मीदवारों पर स्थिति अब साफ होती दिख रही है। माना जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आमने सामने होंगे। दोनों में से कोई भी जीते वह चीन की टेंशन ही बढ़ाएगा। चीन का कहना है कि वह खुद को एक हाइटेक पॉवर हाउस में बदल रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि भविष्य में अमेरिका-चीन के संबंध खराब होने की स्थिति के लिए वह तैयारी कर रहा है। चीनी राजनीति के पर्यवेक्षकों का कहना है ट्रंप की वापसी के प्रभाव की बात करें तो वह बाइडेन की तुलना में ज्यादा अप्रत्याशित हैं। कुछ सप्ताह पहले एक इंटरव्यू में यही बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी कही थी।
ट्रम्प ने सत्ता में अपने चार वर्षों के दौरान व्यापार शुल्कों में बड़े पैमाने पर वृद्धि की, जिससे अमेरिका और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए। अब ट्रंप धमकी दे रहे हैं कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो इसे यह और भी ज्यादा बढ़ा देंगे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह चीनी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका होगा। हालांकि ट्रंप की वापसी से जियोपॉलिटिक्स संतुलन के उलटने की संभावना है। बाइडेन के कार्यकाल में अमेरिका और उसके सहयोगी रूस और चीन के खतरे को लेकर एकजुट हुए हैं। अगर ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति अपनाते हैं तो यह चीन को अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने का एक अवसर देगा।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर कंटेम्परेरी चाइना एंड द वर्ल्ड के फेलो ब्रायन वोंग के ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी ने अधिकारियों को ट्रम्प और बिडेन की जीत के प्रभाव का विश्लेषण करने का काम सौंपा है। हर एक्सपर्ट इस बात पर विचार करेगा कि चीन के ताइवान पर कब्जा करने का सपना किस तरह प्रभावित होगा। 2017 में जब ट्रंप पहली बार सत्ता में आए तो चीन अमेरिका से संबंध मजबूत करना चाहता था। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग तब अमेरिका भी गए। लेकिन एक साल बाद ही ट्रंप ने चीन के कई सामान पर 25 फीसदी का टैक्स लगा दिया, जिसने एक ट्रेड वॉर की शक्ल ले ली।
ट्रंप के सत्ता में रहते हुए टेलीकम्युनिकेशन कंपनी हुवावे (Huawei) और कोविड-19 को लेकर भी दोनों देशों में विवाद बढ़ा। चीन यूरोप इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बाला रामासामी ने कहा, ‘अगर ट्रंप दूसरी बार सत्ता में आने पर ऐसा ही करेंगे तो चीन पर इसके गंभीर प्रभाव होंगे। लेकिन यह साफ नहीं कि ऐसा होगा। क्योंकि यह नहीं कहा जा सकता कि ट्रंप क्या करेंगे और यही एक समस्या है।’ वहीं कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप की वापसी से चीन को डरना चाहिए, क्योंकि उनकी वापसी चीन के निर्यात को प्रभावित करेगा। अगर पर्याप्त निर्यात नहीं हुआ तो चीन में नौकरी का एक बड़ा संकट देखा जा सकता है।