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CM Yogi Latest News: बाल श्रम के खिलाफ योगी सरकार की नई रणनीति, हर जिले में बनेगी टास्क फोर्स

उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2027 तक राज्य को बाल श्रम से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश भर में जिला टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय लिया गया है। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गयी।

CM Yogi Latest News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बहुत बड़ा और नेक काम करने का फैसला किया है! सरकार ने तय किया है कि साल 2027 तक पूरे उत्तर प्रदेश को बाल श्रम से आज़ाद कर दिया जाएगा. यानी, कोई भी बच्चा मजदूरी करता नहीं दिखेगा.

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इस बड़े सपने को पूरा करने के लिए सरकार ने कई विभागों को एक साथ जोड़ा है. श्रम विभाग के साथ-साथ शिक्षा, महिला और बाल विकास, पंचायती राज, गृह, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, गाँव विकास, शहर विकास और हुनर सिखाने वाले सभी विभाग मिलकर काम करेंगे. सरकार ने उन मुश्किलों से निपटने की भी पूरी तैयारी कर ली है, जो बच्चों को काम पर जाने से रोकने में आ रही हैं. जैसे कि सही जानकारी का न होना और बच्चों का स्कूल में न रुकना. ये सारे कदम उत्तर प्रदेश को और भी मजबूत और खुशहाल बनाने वाले हैं.

अब हर जिले में बनेगी ‘टास्क फोर्स’,

अभी तक बच्चों के काम करने की सही जानकारी मिल ही नहीं पाती थी, क्योंकि 2011 के बाद कोई नए आंकड़े आए ही नहीं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा! सरकार ने पंचायती राज विभाग को यह जिम्मेदारी दी है कि वे गाँव-गाँव जाकर पता लगाएं कि कितने बच्चे काम कर रहे हैं या मजदूरी कर रहे हैं. यह जानकारी फिर श्रम और शिक्षा विभाग को दी जाएगी, ताकि बाल श्रम को रोकने के लिए सही योजनाएं बनाई जा सकें. जल्द ही, हर जिले में एक खास टीम (टास्क फोर्स) बनेगी, जो गाँवों की मदद से ये जानकारी इकट्ठा करेगी.

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इसके अलावा, यूनिसेफ की मदद से एक किताब भी बनाई जाएगी, जिसमें सरकार की उन सारी योजनाओं की जानकारी होगी, जिनसे बाल मजदूरों और उनके परिवारों को मदद मिल सकती है. इससे यह पक्का होगा कि हर ज़रूरतमंद बच्चे और उसके परिवार तक सरकारी मदद पहुंचे.

एक और बड़ी समस्या यह है कि जो बच्चे स्कूल में दाखिला तो ले लेते हैं, लेकिन फिर भी स्कूल नहीं आते और कहीं न कहीं मजदूरी करने लगते हैं. इस दिक्कत से निपटने के लिए, महिला कल्याण विभाग की ‘बाल सेवा योजना’, ‘स्पॉन्सरशिप योजना’ और ‘चाइल्ड हेल्पलाइन’ को तेज़ी से लागू किया जा रहा है. इन योजनाओं से बच्चों को पढ़ाई और अच्छी ज़िंदगी जीने का मौका मिलेगा.

सरकार की एक पुरानी और अच्छी योजना ‘नया सवेरा’ को दोबारा शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि बाल मजदूरों को बेहतर मौके मिल सकें. लोगों को जागरूक करने के लिए, 12 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस’ पर लखनऊ में एक बड़ा कार्यक्रम होगा. इसमें गैर-सरकारी संगठन (NGO), नौकरी देने वाले और मज़दूर संगठन सभी मिलकर सहयोग करेंगे.

योगी सरकार बच्चों को अच्छी पढ़ाई से जोड़ने में जुटी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह फैसला, सभी विभागों के साथ मिलकर, एक नया उत्तर प्रदेश बना रहा है. जानकारी इकट्ठा करने, लोगों को जागरूक करने और बच्चों को अच्छी ज़िंदगी देने वाली योजनाओं से सरकार सिर्फ बाल श्रम को खत्म करने में ही तेज़ी से आगे नहीं बढ़ रही है, बल्कि बच्चों को पढ़ाई और एक सुरक्षित भविष्य देने में भी सबसे आगे है. यह अभियान 2027 तक उत्तर प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाने में एक बड़ी कामयाबी होगी.


योगी सरकार मज़दूरों के बच्चों के लिए सभी मंडलों में ‘अटल आवासीय विद्यालय’ चला रही है. इसके अलावा, ‘मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय’ के जरिए गाँव के बच्चों और बाल श्रम से जुड़े बच्चों को अच्छी पढ़ाई से जोड़ने की भी कोशिश की जा रही है.

क्या आपको लगता है कि यह पहल बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में कितनी मददगार साबित होगी?

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Written by । Prachi chaudhary । National Desk

2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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