नई दिल्ली। उद्धव गुट की इन दिनों जमकर फजीहत हो रही है। शिवसेना पर हक जमाने का दावा करने वालों को दिन में तारे दिखायी दे रहे हैं। शिंदे गुट के सामने ठाकरे गुट को हर मोर्च पर बुरी तरह शिकस्त मिल रही है।
शिंदे गुट ने पहले उद्धव गुट के हाथ से पहले सत्ता छीनी। उसके बाद शिंदे गुट ने उनसे छीनकर पार्टी पर अपना हक जमाया। शिंदे गुट ने असली शिवसेना होने का दावा किया। उद्धव गुट जब शिवसेना का अपना हक जताने सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो वहां से उसे निराशी ही मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को केन्द्रीय चुनाव आयोग के पाले में डाल दिया। अब चुनाव आयोग ने उद्धव गुट की शिंदे गुट के खिलाफ शिकायत पर एक्शन लिया। चुनाव आयोग ने अंतरिम आदेश जारी करके शिवसेना व इसके चिन्ह धनुष-बाण पर दो गुटों के दावा ठोकने पर शिवसेना व चिन्ह को ही फ्रीज कर दिया।
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चुनाव आयोग ने उपचुनाव के लिए उद्धव गुट को त्रिशूल, उगता सूरज व मसाल अपनी पसंद बतायी। इस बीच आरपीआई (रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया) चीफ रामदास अठावले ने चुनाव चिन्ह उगता सूरज पर एतराज जताया है।
अठावले ने कहा कि उगता सूरज चुनाव चिन्ह आरपीआई का रहा है। अठावले ने कहा कि वे इस संबंध में चुनाव आयोग में पत्र लिखेंगे। इसलिए संभावना है कि उद्धव गुट को उगता सूरज मिलना मुश्किल है।
उधर शिंदे गुट को भी अपने तीन चुनाव चिन्ह देने के लिए कहा गया है। दोनो गुटों को 10 नवबंर तक अपने-अपने हालांकि यह चिन्ह अंधेरी विधान सभा पर नवंबर में होने वाले उपचुनाव के लिए है। इस मामले में आने वाले कुछ दिनों में सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।