Congress party News Update 2024: राजस्थान की बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के लिए गठबंधन करना मुश्किल हो गया है। पार्टी ने अरविंद डामोर को टिकट देकर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा था। लेकिन इसके कुछ ही समय बाद उन्होंने BAP पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया। गठबंधन की घोषणा के बाद कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। जिसके चलते उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. इसलिए कांग्रेस ने उन्हें वोट न देने की अपील की है।
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राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के लिए वोट मांगने के लिए जोरदार अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन इस बीच राजस्थान की एक लोकसभा सीट ऐसी है जहां कांग्रेस कह रही है कि आप हमें वोट न करें। ये बात सुनकर आप भी हैरान हो गए होंगे। लेकिन ये बिल्कुल सच है। यह लोकसभा सीट बांसवाड़ा डूंगरपुर क्षेत्र में है। इतिहास में शायद यह पहली बार है, जब कोई पार्टी अपने ही उम्मीदवार के खिलाफ है। कांग्रेस ने यहां से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के साथ गठबंधन किया है। लेकिन कांग्रेस नेता अरविंद डामोर ने उनके साथ बड़ा खेल खेला। अब यह गठबंधन कांग्रेस के गले की फांस बन गया है। ऐसे में कांग्रेस अब हाथ के निशान पर चुनाव लड़ रही है। वह डामोर के खिलाफ प्रचार कर लोगों से कह रही हैं कि वे कांग्रेस के चुनाव चिन्ह वाले अरविंद डामोर को वोट न दें। आपको बता दें कि अनुशासनहीनता के कारण कांग्रेस ने डामोर को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था।
कांग्रेस क्यों कह रही है हमें वोट मत देना?
बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट पर हाल ही में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला. इससे कांग्रेस की बड़ी फजीहत हुई है। गठबंधन की चर्चाओं के बीच कांग्रेस ने हाल ही में अर्जुन बामनिया को टिकट दिया है। लेकिन ऐन मौके पर बामनिया ने उनकी जगह अरविंद डामोर का नामांकन दाखिल कर दिया। उसी रात कांग्रेस ने भी गठबंधन का ऐलान कर दिया। इससे नाराज होकर अरविंद डामोर ने 8 अप्रैल को अपना नामांकन वापस नहीं लिया। इसके चलते कांग्रेस ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। इस दौरान भले ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया हो, लेकिन उनके पास अभी भी कांग्रेस का सिंबल है।
अरविंद डामोर कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे
पहले कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी रहे अरविंद डामोर ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया. इस दौरान भले ही पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया, लेकिन सिंबल अभी भी अरविंद डामोर के पास ही है। नामांकन वापस नहीं लेने की स्थिति में चुनाव आयोग के पास रिकॉर्ड है कि अरविंद डामोर कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार हैं। इसलिए इस चुनाव में भले ही कांग्रेस चिल्ला रही हो कि हमने बीएपी के साथ गठबंधन कर राजकुमार रोत को समर्थन दिया है। लेकिन अरविंद डामोर कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे। इस चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी होने का फायदा मिलेगा।
कांग्रेस के मतदाताओं को किसे वोट देना चाहिए?
बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के ‘गठबंधन को लेकर असमंजस’ ने पार्टी में खलबली मचा दी है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर जो राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला, उससे कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई है। एक तरफ कांग्रेस ने बीएपी पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है तो दूसरी तरफ पार्टी से निकाले गए अरविंद डामोर अब भी कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में बांसवाड़ा लोकसभा का पूरा चुनाव उलझता नजर आ रहा है। अब लोगों में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति है कि अरविंद डामोर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर वोट मांगेंगे जबकि कांग्रेस गठबंधन का हवाला देकर राजकुमार रोत के पक्ष में वोट मांग रही है। अब कांग्रेस के वोटर असमंजस में हैं कि किसे वोट दें?