PM Modi vs Rahul Gandhi: आखिर वह दिन आ ही गया जिसका इन्तजार लम्बे समय से किया जा रहा था। विपक्ष मणिपुर मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की मांग कर रहा था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी चर्चा में शामिल नहीं हुए। संसद (parliament) शुरू से अवरुद्ध ही रहा। हंगामे की भेंट चढ़ती रही संसद। यह बात और है कि सरकार ने इस दौरान प्रस्ताव पास भी करा लिया। बाद में विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया ताकि इस मुद्दे पर तो प्रधानमंत्री (pm modi) संसद में आएंगे ही।
आज से संसद (parliament) में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। 12 बजे से चर्चा की शुरुआत होगी। दोनों पक्ष चर्चा के लिए तैयार है। इसलिए 12 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। जाहिर है यह चर्चा आज और कल तक चलेगी इसके बाद तारीख को चर्चा का जवाब देंगे। इसके बाद मानसून सत्र ख़त्म हो जायेगा।
इस चर्चा को लेकर बीजेपी की काफी तैयारी है। मणिपुर पर क्या कुछ बोलना है उसको लेकर बीजेपी ने कई नेताओं को तैयार किया है। बीजेपी ने इस मसले को लेकर रात में भी बैठके की हैं। इधर विपक्ष भी मणिपुर को लेकर पूरी तरह से तैयार है। विपक्ष की आज सुबह भी एक बैठक होने जा रही है। यह बैठक राज्य सभा में विपक्ष के कमरे में होनी है। बता दें कि आज अविश्वास प्रस्ताव पर जो चर्चा 12 बजे दिन से शुरू होगी वह शाम सात बजे तक चलेगी।
संभावना जताई जा रही है कि आज की चर्चा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी भाषण दे सकते हैं। राहुल गांधी पिछले दिनों मणिपुर भी गए थे और वास्तविक स्थिति का जायजा लेकर लौटे थे। ऐसे में राहुल गांधी की फिर से संसद (parliament) में एंट्री के बाद यह कहा जा रहा है कि वे कई मुद्दों पर सवाल खड़ा कर सकते हैं। उनका सामना पीएम मोदी से भी हो सकता है। माना जा रहा है कि अपने भाषण के दौरान वे कई मुद्दे को फिर से उठा सकते हैं। अडानी का मुद्दा भी उठ सकता है इसके साथ ही बृजभूषण शरण का मुद्दा भी उठ सकता है और महंगाई से लेकर बेरोजगारी के मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है।
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बता दें कि कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने 26 जुलाई को लोकसभा सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को नोटिस दिया था। जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था। नोटिस में कहा गया था वह और उनके विपक्षी गठबंधन इंडिया के अन्य सांसद सरकार के खिलाफ ला रहे हैं जिसकी वो मंजूरी दे दें। इंडिया गठबंधन की तरफ से नियम 198 के तहत सदन के मणिपुर मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और स्पीकर ने इसे स्वीकार कर लिया था।
आज इस बात की सम्भावना भी है कि भले ही गौरव गोगोई ने सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम किया था। ऐसे में चर्चा की शुरुआत वही कर सकते हैं और फिर कह सकते हैं कि इस मामले पर पूरी बात राहुल गांधी रख सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो राहुल गांधी कई मुद्दों पर आज सरकार को घेर सकते हैं।
बता दें की अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सरकार गिराने की कोई मंशा है। विपक्ष चाह कर भी सरकार नहीं गिरा सकती क्योंकि सरकार बहुमत में है। इस अविश्वास प्रस्ताव के पीछे का सच यही है कि प्रधानमंत्री संसद में आकर मणिपुर के मसले पर अपनी बात रखे। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव के बाद यह राजनीति की जा सकती है कि विपक्ष ने सरकार गिराने का खेल किया लेकिन सरकार ने विपक्ष को पानी पीला दिया।