नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार से किसी राजनीतिक दल के साथ जुड़कर अपनी नयी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकते हैं। उन्होने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कई मीटिंग करने के बाद भी पिछले सप्ताह कांग्रेस में शामिल होने से इंकार कर दिया था। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर उर्फ पीके को कांग्रेस में अपनी नई राजनीतिक पारी खेलने के लिए उचित पिच नहीं लगी थी।
पीके ने कांग्रेस के आंतरिक संगठनात्मक ढांचे में व्यापक परिवर्तन और पार्टी नेतृत्व में मजबूत इच्छा शक्ति होने की आवश्यकता का सुझाव देकर कांग्रेस से किनारा कर लिया था। तबसे राजनीतिक विश्लेषकों की निगाह उनके द्वारा अपने राजनीतिक भविष्य के लिए उठाये जाने वाले कदम पर थी।
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प्रशांत किशोर उर्फ पीके कहां और किसके साथ जा सकते हैं, इसका संकेत उन्होने सोमवार को किये गये अपने ट्विट में दे दिया। माना जा रहा है कि वे बिहार से किसी राजनीतिक दल के साथ जुड़कर अपनी नयी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकते हैं।
पीके ने कहा कि पुराने पन्ने खोलने पर उन्हें बिहार नजर आता है और अब समय आ गया है कि वे अपने आकाओं के पास जाए। वैसे भी बिहार प्रशांत किशोर का गृह राज्य है। बिहार के बड़े राजनेताओं के साथ उनके गहरे रिश्ते रहे हैं। वे किस राजनीति दल का दामन थामेंगे, यह तो स्पष्ट नहीं है, मगर फिलहाल इतना जरुर है कि वे किसी क्षेत्रीय दल से जुड़ेगे, क्योंकि राष्ट्रीय दल कांग्रेस का आफर वह ठुकरा चुके हैं और भाजपा को अब उनकी कोई जरुरत नहीं रह गयी है।