Why BJP Lost: क्या RSS से दुश्मनी भारतीय जनता पार्टी को भारी पड़ गई, क्या बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डुबाई है कमल की नैया? क्या 400 पार का ‘बड़बोलापन’ था, जिससे की अब कहीं ना कहीं टेंशन बढ़ती जा रही है। और सवाल ये कि आखिर जेपी नड्डा ने ‘भगवा’ को क्यों नकारा?
कल तक तो भारतीय जनता पार्टी 400 पार का दावा कर रही थी,आज सरकार बनाने के लिए भी दूसरे दलों के आगे पीछे घूमना पड़ रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ पैर जोड़ने पड़ रहे हैं।
लेकिन साहब नीतीश कुमार तो ठहरे पलटूराम…. उनपर तो जो भरोसा करे, वो सबसे बड़ा मूर्ख है…. लेकिन सवाल ये कि आखिरकार बीजेपी की ऐसी हालत कैसे हो गई।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी अगर आज देश की सबसे बड़ी पार्टी है…. तो उसका कारण है RSS… जी हां वही RSS जिसने भारतीय जनता पार्टी को तैयार किया….. लेकिन आज उसी पार्टी के नेता RSS को नकारने का काम करते हैं…. लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ये कहते हैं कि अब उनको RSS की कतई जरूरत नहीं है…
अगर आपने ध्यान दिया हो तो.. इस बार चुनावों में आरएसएस कार्यकर्ताओं की उदासीनता देखने को मिली। यूपी और बिहार में RSS कार्यकर्ता जरा भी एक्शन में नहीं दिखे,जो कि बीजेपी पर भारी पड़ गया।
दरअसल कयास ये लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय ने RSS को लेकर जो बयान दिया था….उसके बाद से ही RSS नाराज बताया जा रहा था….तभी लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के लिए RSS कार्यकर्ताओं ने प्रचार प्रसार नहीं किया। 2014 और 2019 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी….तो RSS का महत्वपूर्ण योगदान था।लेकिन इस बार बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरएसएस को लेकर जो बयान दिया…वो रास नहीं आया।
एक कारण ये है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी मर्जी से प्रत्याशियों को उतारा था। ऐसा लग रहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत सुनिश्तिक कर ली है। कहीं से भी किसी को भी उतार दो… वो जीत ही जाएगा। लेकिन ऐसा जरा भी नहीं हुआ। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता पस्त हो गए और आज सरकार बनाने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है।