PM Modi: महाभारत की लड़ाई की तरह ही दोनों तरफ की सेना तैयार हो गई है। एक तरफ एनडीए तीन दर्जन से ज्यादा पार्टियों को लेकर खड़ी हो गई है तो दूसरी तरफ नया विपक्षी गठबंधन इंडिया अपनी सेना लेकर खड़ी हो गई है। इसी बीच आधा दर्जन ऐसी पार्टी भी है जो न इधर है न उधर। इनकी भी अपनी ताकत है और कुछ राज्यों में सरकार भी। सरकार चलाने वाले केसीआर, नवीन पटनायक और जहां रेड्डी है तो अकाली दल, टीडीपी, जेडीएस, ओवैसी की पार्टी, मायावती की पार्टी है। फिलहाल ये पार्टियां खेमेबंदी से अलग है। हो सकता है कुछ महीने बाद एक और मोर्चा खड़ा हो जाए। तब देश की राजनीति किधर जायेगी इसे भी परखना पड़ेगा।
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लेकिन मौजूदा समय में को दो खेमे तैयार हुए है इनमें एनडीए का खेमा भले ही दलीय संख्या बल के हिसाब से बड़ा दिख रहा हो लेकिन कुछ पार्टियों को छोड़ दे तो इनमें कोई जान नहीं है। हां इतना जरूर है कि इनमें से कई पार्टियों के पास अपने इलाके में जातीय वोट है लेकिन यह सब विधान सभा चुनाव तक ही संभव हो सकता है। लोकसभा चुनाव में ये पार्टियां कोई करिश्मा नहीं दिखा सकती। केवल चिराग पासवान और राजभर की पार्टियां ऐसी है जो लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए कुछ कर सकती है। बिहार की राजनीति को देखें तो वहां पासवान का वोट बैंक करीब 6 फीसदी है। इसके साथ ही चिराग के साथ कई जातियों के युवा भी जुड़े हुए हैं। कहा जा सकता है कि वे चुनाव में कुछ सीटें जीत सकते है और इसका लाभ बीजेपी को मिल सकता है।
उधर राजभर की पार्टी भी पूर्वी यूपी में मजबूत है और वह भी दो से चार सीटों पर असर डाल सकती है। वैसे राजभर का दांवा तो बहुत कुछ है लेकिन बीजेपी को राजभर का लाभ जरूर मिलेगा। लेकिन फिर भी बड़ा सवाल तो यही है कि क्या बीजेपी यूपी में 2014 और 2019 का प्रदर्शन कर पाएगी? अभी इस पर बहुत कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन विपक्षी एकता की लड़ाई जब बढ़ेगी तो बीजेपी की मुश्किलें भी बढ़ेगी।
उधर नए गठबंधन इंडिया की हालत भी कोई बहुत अच्छी नहीं है। लेकिन एक बात जरूर है कि एनडीए की तुलना में इंडिया के साथ ज्यादा मजबूत पार्टियां है और मजबूत नेता भी। इसका लाभ इंडिया को मिल सकता है। लेकिन पीएम मोदी (PM Modi) के चेहरा के सामने अभी भी कोई ऐसा नेता नहीं है जो मोदी (PM Modi) को चुनौती दे सके। बीजेपी को मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ना है। मोदी (PM Modi) आज भी बीजेपी के सबसे बड़े नेता हैं। उनका ओहोदा बड़ा है और जनता में अपील भी है। अगर सब कुछ खत्म भी हो जाए तो पीएम मोदी अपने चेहरे पर ही कई इलाकों में जीत दिलाने का मादा तो रखते हैं। यही है पीएम मोदी की खासियत ।