ED Action: ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। अब ये कार्रवाई आगे तक जारी रहेगी। लोकसभा चुनाव तक ऐसे ही चलेगा। निशाने पर कई नेता है। जिस तरह की बात कही जा रही है कि उससे तो यही समझ आ रहा है कि आने वाले समय में दर्जनों नेताओं को जेल तक पहुंचाने की तैयारी चल रही है। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि जो भ्रष्टाचारी है उसे छोड़ा नहीं जायेगा। लेकिन असली भ्रष्टाचारी कौन है यह कोई नहीं बता रहा है। चुनावी साल है इसलिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच युद्ध जैसी हालत है। दोनों एक दूसरे पर हमलावर है।
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कांग्रेस पर बीजेपी वार कर रही है और बीजेपी पर कांग्रेस का वार हो रहा है। दोनों एक दूसरे पर वार करती दिख रही है। लेकिन इसी बीच ईडी का खेल जारी है। चूंकि ईडी सरकार के हाथ में है इसलिए बीजेपी बड़े स्तर पर कार्रवाई करती दिख रही है। मंगलवार को पत्रकारों पर कार्रवाई की गई। पत्रकारों पर आतंकी मामले भी दर्ज किये गए हैं। यह कोई मामूली बात नहीं है। आज जो पत्रकार अपने को सुरक्षित मान रहे हैं कल उनकी भी बारी आ सकती है। बीजेपी ने कई पत्रकारों की सूची तैयार कर जांच एजेंसियों के जरिये कार्रवाई कर रही है ठीक उसी तरह से कांग्रेस भी बहुत से बहुत से पत्रकारों की सूची तैयार कर रही है। कल्पना कीजिये जब सरकार बदल गई तब क्या होगा? लेकिन दुखद बात यही है कि पत्रकारों को अब टारगेट किया जा रहा है। यह लोकतंत्र के लिए अभिशाप नहीं।
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बुधवार को आप नेता संजय सिंह (Sanjay Singh) को गिरफ्तार किया गया। पहले दिन भर छापेमारी हुई और शाम को उन्हें गिरफ्तार किया गया। कहा गया कि दिल्ली शराब घोटाले (Sanjay Singh) में उनके खिलाफ भी गवाही सामने आई है। अगर किसी की गवाही से किसी की गिरफ्तारी होने लगे तब इस देश में कोई नहीं बच सकता। आगे और क्या होगा यह देखना होगा। लेकिन जिस तरह से नेताओं की गिरफ्तारी चल रही है उससे साफ है कि अभी बहुत से नेताओं को जेल पहुँचाया जा सकता है। संजय सिंह (Sanjay Singh) के बाद चार मुख्यमंत्री ख़ास तौर पर ईडी पर हैं। हो सकता है बहुत जल्द ही हेमंत सोरेन, अरविन्द केजरीवाल, भूपेश बघेल और ममता बनर्जी की भी गिरफ्तारी हो। यह भी हो सकता है कि डीके शिवकुमार की भी गिरफ्तारी हो जाए। और बहुत संभव है कि सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और खड़गे की भी गिरफ़्तारी हो जाए। कुछ भी हो सकता है। लेकिन एक बात साफ़ है कि लोकसभा चुनाव तक दर्जनों नेताओं को बदनाम जरूर किया जाएगा ताकि जनता के बीच यह मैसेज दिया जा सके कि विपक्ष के सभी नेता चोर हैं, भ्रष्टाचारी है।
आज सुबह टीएमसी नेता और ममता सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री पर ईडी की कार्रवाई की गई। आरोप लगाया गया है कि ममता के मंत्री रथिन घोष ने बंगाल नगर पालिका में भर्ती घोटाला किया है। ये घोटाले 2014 से 2018 के बीच करने की बात की जा रही है। सवाल है कि घोटाले तो आज हो रहे है। आज ईडी क्यों छापे मार रही है। कहा जा रहा है कि बीजेपी को पहले लगता था कि ममता के ऐसे कई नेता और मंत्री बीजेपी से जुड़ सकते हैं। लेकिन जब बीजेपी को कोई सफलता नहीं मिली तो अब उस पर कार्रवाई की जा रही है।
खबर ये भी है कि अभिषेक बनर्जी की भी जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है। ममता पर भी केंद्र सरकार की नजर है। आगे ईडी के निशाने पर कौन नेता है यह बड़ी बात है। लेकिन एक बात तय है कि इस तरह की गिरफ्तारियां चलती रहेगी। राजनीति का यह नया खेल भ्रमित भी कर रहा है और लुभा भी रहा है।