G20 Summit: G20 की बैठक में हालांकि चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग नहीं आये लेकिन भारत ने उनके खेल को पस्त कर दिया है। जिस तरह से चीन पडोसी मुल्कों पर दबाव बना रहा है और उसका नेता बनना है ,भारत ने उसकी चाल को ख़त्म कर दिया है। दिल्ली में आयोजित G20 Summit की सफल बैठक के बाद चीन और पकिस्तान में खलबली मची हुई है। चीन असमंजस में है कि उसे आगे क्या कुछ करनी चाहिए जबकि पकिस्तान रुदाली करता दिख रहा है। पकिस्तान की जनता ही अब वहां के हुक्मरानों को कोस रही है और भारत की सराहना भी कर रही है।
कहते हैं कि दुनिया झुकती है और सिर्फ झुकाने वाले की जरूरत होती है। भारत आज उसी स्थिति से गुजर रहा है। जी 20 की बैठक में भारत ने जो कमाल दिखाया है उससे दुनिया भी मुरीद हो गई है। अमेरिका जैसा देश भी भारत के इंतजाम से खुश हुआ है और भारत ने जिस तरह से दिल्ली घोषणा पत्र है उसमे पूरी दुनिया में जो शांति की बात कही गई है उसके बड़े असर देखे जा रहे हैं। लेकिन बैठक के दौरान भारत ने कुछ ऐसे कदम भी उठाये हैं जिससे चीन की हेकड़ी कमजोर हो गई है।
जी 20 की बैठक ख़त्म होते ही भारत ने चीन को एक बड़ा सन्देश दिया है।
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भारत ने ऐलान किया है कि लद्दाख के न्योमा में दुनिया का सबसे ऊँचा लड़ाकू हवाई क्षेत्र का निर्माण करने जा रहा है। इस विशाल परियोजना का शिलान्यास राजनाथ सिंह 12 सितम्बर को करेंगे। बीआरओ की तरफ से पूर्वी लद्दाख में काफी महत्वपूर्ण न्योमा बेल्ट में एक नए एयर फिल्ड के निर्माण में कुल 218 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह भारत की बड़ी उपलब्धि होगी और इससे छन को बड़ा झटका लग सकता है। जी 20 सम्मलेन में कई प्रोजेक्ट पर भी सहमति बनी है। भारत और अमेरिका के बीच 6 जी टेक्नोलॉजी को डेवलप करने पर सहमति बनी है। इसके लिए भी समझौते हुए हैं। अभी पांच जी के मामले में चीन का दुनिया के बाजार में दबदबा है। लेकिन जैसे ही 6 जी पर काम शुरू होगा चीन की महारथ कम हो जाएगी। चीन अभी से ही टेंशन में है।
भारत और अमेरिका के बीच 8300 करोड़ का रेन्यूअबल इंफ्रास्ट्रक्टर इन्वेस्टमेंट फंड बनाने पर भी सहमति बनी है। इससे बैटरी स्टोरेज एयर ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा। भारत बहुत तेजी से अपने आप को इ मोबिलिटी की तरफ बढ़ रहा है। चीन को इससे भी परेशानी हो रही है। कहा जा रहा है कि इससे चीन के बाजार को भी झटका लग सकता है।