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G-20 Summit के समापन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कही बडी बातें, पढ़िये पूरा भाषण

G-20 summit: दिल्ली में G-20 समिट के तीसरे सेशन का समापन हुआ। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए ब्राजील को G-20 की अध्यक्षता सौंपी दी है। क्योंकि अगले साल G-20 समिट का आयोजन ब्राजील में होगा। जिसकी अध्यक्षता ब्राजील करेगा। अपने भाषण पीएम ने कहा ब्राज़ील को हमरा पूरा सहयोग रहेगा और हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में, G-20 हमारे साझा लक्ष्यों को और आगे बढ़ाएगा। वहीं G-20 के तीसरे सेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्लोबल फैमिली का सच में बदलता जा रहा है। उन्होंने कहा कि GDP नहीं अब मानव केंद्रित विजन पर हमारा मिशन है।

वन अर्थ और वन फामिली सेशन आशावादी प्रयासों का प्लेटफ़ॉर्म

पीएम ने कहा हमने वन अर्थ और वन फामिली सेशन में व्यापक चर्चा की। मुझे संतोष है कि G-20, वन अर्थ (One Earth) वन फैमली (One Family) वन फ्यूचर (One Future) के विजन (vision) को लेकर, आशावादी प्रयासों का प्लेटफ़ॉर्म बन गया है। यहाँ हम ऐसे फ्यचर की बात कर रहे हैं, जिसमें हम ग्लोबल विलेज से आगे बढ़कर ग्लोबल फैमिली) को हकीकत बनता देखें। एक ऐसा फ्यूचर, जिसमें देशों के केवल हित ही नहीं जुड़े हों, बल्कि हृदय भी जुड़े हों।

GDP सेंट्रिक अप्रोच के बजाय Human Centric Vision पर जोर

मैंने GDP सेंट्रिक अप्रोच के बजाय Human Centric Vision पर निरंतर आपका ध्यान आकर्षित किया है। आज भारत जैसे अनेक देशों के पास ऐसा कितना कुछ है, जो हम पूरे विश्व के साथ साझा कर रहे हैं। भारत ने चंद्रयान मिशन के डेटा को मानव हित में सबके साथ शेयर करने की बात की है। ये भी Human Centric ग्रोथ को लेकर हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है। भारत ने टेक्नॉलॉजी को इंक्लूसिव डेवलपमेंट के लिए, लास्ट माइल डिलिवरी के लिए, उपयोग किया है। हमारे छोटे से छोटे गाँव में, छोटे से छोटा व्यापारी भी, डिजिटल पेमेंट्स कर रहा है। मुझे खुशी है कि भारत की अध्यक्षता में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure) के लिए मजबूत फ्रेमवर्क पर सहमति बनी है। इसी तरह, विकास के लिए डेटा के उपयोग पर सिद्धांत “G20 Principles on Harnessing Data for Development” को भी स्वीकार किया गया है। ग्लोबल साउथ के विकास के लिए “Data for Development Capacity Building Initiative” को लॉन्च करने का निर्णय भी लिया है। भारत की प्रेसीडेंसी में Startup 20 engagement ग्रुप का गठन भी एक बड़ा कदम है।

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आज हम न्यू जेनेरेशन टेक्नॉलॉजी में अकल्पनीय

पीएम ने कहा, आज हम न्यू जेनेरेशन टेक्नॉलॉजी में अकल्पनीय स्केल और स्पीड के गवाह बन रहे हैं। Artificial Intelligence का उदाहरण हमारे सामने है। 2019 में G20 ने “Principles on AI” अपनाये थे। आज हमें उससे एक कदम और आगे बढ़ने की जरूरत है। मेरा सुझाव है कि अब हम Responsible Human-centric AI governance के लिये एक फ्रेमवर्क तैयार करें। इस सम्बंध में भारत भी अपने सुझाव देगा। हमारा प्रयास होगा कि Socio-Economic Development, ग्लोबल workforce और R&D जैसे क्षेत्रों में सभी देशों को AI का लाभ मिले।

ज्वलंत समस्याएँ भी हमारे विश्व के सामने

आज कुछ अन्य ज्वलंत समस्याएँ भी हमारे विश्व के सामने हैं, जो हम सभी देशों के वर्तमान और भविष्य, दोनों को प्रभावित कर रही हैं। साइबर सिक्योरिटी और Crypto-currency की चुनौतियों से हम परिचित हैं। Crypto-currency का क्षेत्र, social order, monetary और financial stability, सबके लिए एक नया विषय बनकर उभरा है। इसलिए हमें Crypto-currencies को रेगुलेट करने के लिए ग्लोबल स्टैंडर्ड्स develop करने होंगे। हमारे सामने Basel standards on bank regulation एक मॉडल के रूप में है।

साइबर सिक्योरिटी के लिए भी वैश्विक सहयोग और फ्रेमवर्क की जरूरत

साइबर सिक्योरिटी पर पीएम ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार साइबर सिक्योरिटी के लिए भी वैश्विक सहयोग और फ्रेमवर्क की जरूरत है। साइबर जगत से आतंकवाद को नए माध्यम, फंडिंग के नए तौर-तरीके मिल रहे हैं। ये हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण विषय है। जब हम हर देश की सुरक्षा, हर देश की संवेदना का ध्यान रखेंगे, तभी One Future का भाव सशक्त होगा।

UN में शामिल देशों की संख्या करीब 200

विश्व को एक बेहतर भविष्य की तरफ ले जाने के लिए ये जरूरी है कि वैश्विक व्यवस्थाएँ वर्तमान की वास्तविकताओं के मुताबिक हों। आज “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद” भी इसका एक उदाहरण है। जब UN की स्थापना की गयी थी, उस समय का विश्व आज से बिलकुल अलग था। उस समय UN में 51 फाउंडिंग मेंबर्स थे। आज UN में शामिल देशों की संख्या करीब 200 हो चुकी है। बावजूद इसके, UNSC में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं। तब से आज तक दुनिया हर लिहाज़ से बहुत बदल चुकी है। ट्रांसपोर्ट हो, कम्यूनिकेशन हो, हेल्थ, एजुकेशन, हर सेक्टर का कायाकल्प हो चुका है। ये new realities हमारे new global structure में reflect होनी चाहिए।

हमें खुले मन से विचार करना होगा

ये प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाती है, वह अपनी प्रासंगिकता खो देती है। हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक रीजनल फोरम्स अस्तित्व में आए हैं और वह प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं। आज हर वैश्विक संस्था को अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए Reform करना आवश्यक है। इसी सोच के साथ हमने कल ही अफ्रीकन यूनियन को G-20 का स्थाई सदस्य बनाने की ऐतिहासिक पहल की है। इसी तरह, हमें Multilateral Development Banks के मैंडेट का विस्तार भी करना होगा। इस दिशा में हमारे फैसले immediate भी होने चाहिए और effective भी होने चाहिए।

तेजी से बदलते विश्व में हमें परिवर्तन के साथ-साथ अस्थिरता और स्थिरता की भी उतनी ही जरूरत है। आइए! हम प्रण लें कि Green Development Pact, Action Plan on SDGs, High level Principles on Anti-corruption, Digital Public Infrastructure और MDB Reforms के अपने संकल्पों को सिद्धि तक लेकर जायेंगे।

पीएम ने दी ब्राज़ील के राष्ट्रपति को हार्दिक शुभकामनाएँ

G-20 समिट में वन थीम पर सभी देशों के नेताओं ने मंत्रणा भी की है। इसी दौरान पीएम ने कहा, मैं ब्राज़ील के राष्ट्रपति और मेरे मित्र लूला-डी-सिल्वा को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। और मैं उनको प्रेसीडेंसी का गेवल सौंपता हूँ। समापन के आखिर में पीएम मोदी ने कहा, मैं राष्ट्रपति लूला को इस अवसर पर अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित करता हूँ। जैसा कि आप सब जानते हैं, भारत के पास नवंबर तक G-20 प्रेसीडेंसी की जिम्मेदारी है। अभी ढाई महीने बाकी हैं। लेकिन इन दो दिनों में, आप सभी ने अनेक बातें यहाँ रखी हैं, सुझाव दिए हैं, बहुत सारे प्रस्ताव रखे हैं।

अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि जो सुझाव आए हैं, उनको भी एक बार फिर देखा जाए कि उनकी प्रगति में गति कैसे लाई जा सकती है। मेरा प्रस्ताव है कि हम नवंबर के आखिर में G-20 समिट का एक वर्चुअल सेशन और रखें। उस सेशन में हम इस समिट के दौरान तय विषयों की समीक्षा कर सकते हैं। इन सबकी डिटेल्स हमारी टीम आप सभी के साथ शेयर करेगी। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सब इससे जुड़ेंगे। इसी के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 समिट के समापन की घोषणा करते हुए कहा।

वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर का रोडमैप सुखद हो। स्वस्ति अस्तु विश्वस्य!

यानि संपूर्ण विश्व में आशा और शांति का संचार हो। 140 करोड़ भारतीयों की इसी मंगलकामना के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

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