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Hathras Stampede: कौन है भोले बाबा उर्फ सतपाल, कितने वेद पुराण का  ज्ञान है?

Hathras Stampede: Who is Bhole Baba alias Satpal, how many Vedas and Puranas does he know?

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए हादसे से पूरा देश गम में हैं। इस घटना में 122 से ज्यादा लोग की मौत हो गई है तो कई लोग घायल है जिनका नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस पूरे कांड के बाद एक नाम काफी चर्चा में है, वह है भोले बाबा उर्फ नारायण हरि सरकार। इनका चर्चा में होने की वजह यह है कि भोले बाबा के दर्शन मात्र के लिए लाखों की भीड़ उपस्थित हो जाती है जिस वजह से हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर यह कौन है? और कहां रहते हैं? चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन है हाथरस का भोला बाबा।

एक जानकारी के अनुसार नारायण हरि सरकार उर्फ भोला बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर एटा में हुआ था। उनका असली नाम सूरजपाल है जो पहले आईपी की एक पूर्व अधिकारी था। आज से करीब 25 या 26 साल पहले इन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और भगवान के नाम पर सत्संग करना शुरू कर दिया था। गौर करने की बात यह है कि इस बाबा का कोई भी सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है जिससे उनके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी  मिल सके लेकिन फिर भी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान जैसे शहरों में इनके बहुत सारे भक्त है जो इनके एक दर्शन के लिए ही काफी दूर तक आ जाते हैं।

सूत्रों के मारे दिन का जन्म एटा जिला में हुआ था और पुलिस की नौकरी भी की थी। हालांकि नौकरी कुछ खास पसंद नहीं थी जिस वजह से सन 1990 वर्ष में छोड़ दिया और बाबा बन गया। गौर करने की बात तो यह है कि यह बाबा तो बन गए लेकिन इन्हें भगवा पहनना पसंद नहीं है और उनके पास राम रहीम की तरह अपनी एक अलग फोर्स भी है जो उनकी सुरक्षा करती है। हालांकि बाबा का नाम जब भी सामने आता है तो सवाल यह भी होता है कि अगर यह हिंदू धर्म के बाबा है तो इन्हें वेदों का कितना ज्ञान है। इसे लेकर अभी तक कोई भी जानकारी किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट पर नहीं है, जिसे लेकर यह भी एक चर्चा का विषय बना हुआ है। क्या उन्हें किसी भी वेदों का ज्ञान है या नहीं।

जब भी मन में यह सवाल होता है कि आखिर नारायण सरकार हरि कौन है, तो एक ही बात याद आता है सफेद सूट और टाइप पहनकर प्रवचन देना, बाबा बनने से पहले खुफिया विभाग में सरकारी नौकरी करना और 1990 के समय नौकरी से इस्तीफा दे देना। उसके बाद भगवान की दिखाएं मार्ग पर चलना। यह सबसे ज्यादा प्रचलन में तब आया था जब कोरोना के समय उनका सत्संग करता था। अपनी पत्नी के साथ मंच से प्रवचन करता हैं। हालांकि इसके अलावा उनके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी किसी भी साइट पर नहीं है। लेकिन अब इस घटना के बाद पुलिस इनके बारे में पुख्ता जानकारी निकालने के लिए एक कमेटी भी बनाई है जिससे उनके बारे में पता लगाया जा सके।

Khushi Singh

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