Bihar News: सच तो यही है कि बिहार आज भी देश का सबसे पिछड़ा राज्य है और गरीबी भी सबसे ज्यादा इसी राज्य में है। इसका प्रमाण यही है कि ज्यादा पलायन इसी राज्य से होता है। कह सकते है कि बिहार (Bihar) की आधी आबादी बिहार से बाहर है। इसमें कोई शक नहीं कि पिछले कुछ सालों में बिहार में बड़ा बदलाव आया है ।सड़कें अच्छी बनी है। गांव तक पहुंच मजबूत हुई है। गांव तक बिजली पहुंची है। पानी की सुविधा भी बढ़ी है और लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। लेकिन औद्योगिक विकास के अभाव में बिहार आज भी काफी पिछड़ा है। कारण बताए जाते है कि बिहार बाढ़ ग्रस्त राज्य है इसलिए उद्योग नहीं लग पा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से देश के कई राज्यों में आईटी सेक्टर का विकास हुआ है वैसे बिहार में भी विकास किया जाता तो प्रदेश की दशा बदल सकती थी। लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ ।
इधर नीति आयोग ने गरीबी पर रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार (Bihar) में सबसे ज्यादा गरीबी में गिरावट दर्ज की गई। बिहार में 2015 से 2016 के वर्ष में गरीबी करीब 52 फीसदी थी। अब घटकर लगभग 34 फीसदी रह गई है। इस प्रकार बिहार में गरीबी में लगभग 18 फीसदी की कमी आई है जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है। देश में औसत गरीबी घटने का प्रतिशत करीब 9 फीसदी है ।
अब गरीबी घटने के इस आंकड़े को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच खींचतान जारी है। दोनों दल इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे है। जदयू का कहना है कि नीतीश कुमार विकास पुरुष हैं और उनकी विकास योजनाओं से ही बिहार की गरीबी कम हुई है। लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं मान रही। बीजेपी का कहना है कि यह सब जदयू और बीजेपी की सरकार रहने की वजह से ही संभव हो पाया है। इसके साथ ही बीजेपी का यह भी दावा है कि पीएम मोदी की योजनाओं का यह सब असर है। केंद्र सरकार की योजनाओं की वजह से बिहार में गरीबी कम हुई है।
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बिहार के मौजूदा वित्त मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पत्रकारों को कहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने पिछले सालों में काफी विकास किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के बहुत से काम हुए है और लोगों की आमदनी बढ़ी है जिससे गरीबी में गिरावट आई है। बिहार आज भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
बिहार के मंत्री बिज्येंद्र यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार ने बिहार को गरीब राज्य का दर्जा नहीं दिया। अगर बिहार को यह दर्जा मिलता तो हर साल 92 हजार करोड़ की अतिरिक्त राशि भी बिहार को मिलती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बिहार आज और आगे चला जाता अगर ये राशि मिल जाती।
इधर बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि बिहार में अभी जो भी होता दिख रहा है वह सब बीजेपी और जदयू सरकार की वजह से ही संभव हुआ है। पिछले 9 साल में बिहार को पांच लाख 22 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिले हैं। हालांकि नीतीश की धर्बबंदी की वजह से हर साल 50 हजार करोड़ के राजस्व की हानि हो रही है। अगर यह भी मिलता तो गरीबी और गिर जाती।
सुशील मोदी ने यह भी कहा है कि केंद्र की योजनाओं की वजह से ही बिहार में गरीबी दर में गिरावट हुई है। लेकिन जदयू ऐसा नहीं मानती। जदयू का कहना है कि केंद्र सरकार ने ही बिहार के कई काम रोक रखे हैं। अब बिहार में जो भी काम हो रहे है राज्य अपने पैसे से कर रहा है।