रांची। ऑफिस ऑफ प्रोफेट यानी पद लाभ लेने के मामले में करीब एक सप्ताह से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी भले ही खतरे में नज़र आ रही है, लेकिन सोमवार को उन्होने विधानसभा अपना बहुमत दिखाकर विश्वास मत हासिल कर लिया। हालांकि विश्वास मत के दौरान हुए मतदान में बीजेपी ने वॉकआउट किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में विश्वास मत के लिए मतदान में 48 मत हासिल किये, जबकि विपक्ष में एक भी मत नहीं पड़ा। विश्वास मत हासिल करने के बाद विधान सभा की कार्रवाई को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
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सदन में अपने भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होने आरोप लगाया कि भाजपा उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिलेगी। बीजेपी ने लालच देकर उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन अब बीजेपी को समझ आ गया है कि हमारे विधायक बिकाऊ नहीं हैं। उन्होने कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा को 2024 के आम चुनावों में इसका जबाव देगी।
सोरेन ने सोमवार को सदन में अपना विश्वास मत प्राप्त करके झारखंड में अपनी पार्टी की सरकार के छह माह का कार्यकाल पक्का कर लिया है। अब यदि राज्यपाल रमेश बैस द्वारा चुनाव आयोग की सिफारिश पर हेमंत सोरेन को विधायक पद के लिए अयोग्य करार दिया जाता है, तो भले ही वे विधानसभा के सदस्य न रहें, लेकिन कम से कम उनकी पार्टी की सरकार को आगाम छह माह के लिए कोई खतरा नहीं होना चाहिए।
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