5 वर्षों में IIT में सबसे ज्यादा सुसाइड करने के मामले, ऐसा करने की एक्सपर्ट्स ने बताई वजह
IIT Latest News: देश में इंजीनियरिंग के लिए प्रसिद्ध IITs में JEE Main advanced की प्रवेश परीक्षा हर साल आयोजित कराई जाती है। जिसके लिए कई लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं, लेकिन चयन सिर्फ 2,000 से 3,000 छात्रों का ही हो पाता है। IIT अपने प्रवेश प्रक्रिया, अकादमिक माहौल, प्लेसमेंट, रिसर्च आदि के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, हर साल IIT में पढ़ने वाले कई छात्रों की सुसाइड को लेकर भी खबर बनी रहती है। इसको लेकर समय-समय पर विशेषज्ञों की कमेटी की ओर से इस समस्या का समाधान पाने के लिए कई प्रकार के सुझाव भी दिए जाते हैं। वहीं, इसी बीच IIT में पढ़ने वाले छात्रों की आत्महत्या को लेकर एक चौंका देने वाली जानकारी सामने आई है।
सबसे ज्यादा IIT-NIT में आत्महत्या के मामले
इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने बीते दिनों राज्यसभा को बताया कि प्रमुख IIT में पिछले 5 वर्षों में सबसे अधिक छात्र सुसाइड के केस सामने आए हैं। 2018 से 2023 के आंकड़ों की मानें तो भारत के शीर्ष उच्च शिक्षा संस्थानों में सुसाइड से होने वाली महज 98 मौतों में से कम से कम 39 मौतें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) में हुईं। वहीं, इसके बाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (NIT) और केंद्र-वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में 25-25 मौतें हुईं। 2019 से अब तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में ऐसी 13 अन्य मौतें दर्ज की गईं।
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सबसे कम सुसाइड के मामले ट्रिपल आईटी में
मंत्रालय की ओर से 2018 से 2023 के बीच शेयर किए आंकड़ों की मानें तो IIT 39, NIT 25, केंद्रीय विश्वविद्यालय (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अंतर्गत) 25, भारतीय प्रबंधन संस्थान 4, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान 3, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान 2, एम्स में 13 छात्रों ने सुसाइड किया है।
IIT मद्रास में पिछले 6 महीने में 5 सुसाइड केस
सभी IIT में से इस साल मद्रास कैंपस में पहले ही 6 महीने में 5 छात्र के सुसाइड के मामले सामने आ चुके हैं। छात्रों के आत्महत्या के मामलों को लेकर कई एक्सपर्ट्स यह भी दावा कर चुके हैं कि कोरोना की वजह से क्लासेज बंद थे। जिसके चलते अधिकांश छात्र स्ट्रेस में आ गए और वे इस तरह का कदम उठाने के लिए मजबूर हो गए। हालांकि, कई एक्सपर्ट्स पढ़ाई को लेकर तनाव आदि को भी इसके जिम्मेदार ठहराते हैं।