Himanchal Election 2022: बीजेपी के हार के बाद भी Jairam Thakur ने तोड़ा रिकार्ड और लूटी महफिल
मंडी जिले (Himanchal Election 2022) में सिराज क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस सीट से उनके खिलाफ कांग्रेस के चेताराम ठाकुर खड़े थे। जयराम ठाकुर ने 20 हज़ार वोटों से बढ़त बनाते हुए जीत हासिल की है।
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश (Himanchal Election 2022) में कांग्रेस ने भले ही अपना परचम लहरा दिया है लेकिन फिर भी वहां के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने नाम का हाहाकार मचा रखा है। मंडी के सिराज सीट से जयराम ठाकुर ने भारी मतों के साथ जीत हासिल की है और इसी जीत के साथ ही उन्होने एक रिकॉर्ड भी बना लिया है। हिमाचल प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई नेता 6 बार लगातार एक ही सीट से जीता है। मंडी जिले (Himanchal Election 2022) में सिराज क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस सीट से उनके खिलाफ कांग्रेस के चेताराम ठाकुर खड़े थे। जयराम ठाकुर ने 20 हज़ार वोटों से बढ़त बनाते हुए जीत हासिल की है।
जगह का नाम बदलकर रखा गया सिराज
जयराम ठाकुर (Himanchal Election 2022) ने जिस सीट से भारी मतों के साथ जीत हासिल की है, उस जगह का नाम पहले सिराज नही चेच्योट विधानसभा था और 2008 में इस जगह का नाम बदला गया था। जयराम ठाकुर इस सीट से 1998 से लड़ रहे हैं और जीत रहे हैं। 2017 में हुए चुनाव में जीतने के बाद ही जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थें। कांग्रेस इस सीट से आखिरी बार 1993 में चुनाव जीती थी। पिछले साल भी जयराम ठाकुर से कांग्रेस के प्रत्याशी चेताराम ठाकुर को हराया था। बता दें चेताराम ठाकुर पूर्व सीएम वीरभद्र के करीबी माने जाते हैं।
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कौन है जयराम ठाकुर?
जयराम ठाकुर मंडी ज़िले के तांदी गांव के निवासी हैं और उनकी शुरुआती शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई थी। हिमाचल में उनके पिता बतौर राजमिस्त्री काम करते थें। 1987 में उन्होने मंडी के वल्लभ गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज से B.A की डिग्री हासिल की थी और M.A के लिए उन्होने चंढ़ीगढ़ के पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। ग्रेजुएशन की पढ़ाई को दौरान ही जयराम ठाकुर आरएसएस के स्टूडेंट विंग ABVP में शामिल हो चुके थें और इसी के साथ ही इन्होने छात्रसंघ का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें निरासा मिली और वो हार गए। इसके अलावा जयराम ठाकुर 1989 में जम्मू-कश्मीर में ABVP के सगंठन सचिव बनकर गए थें। उनसे उनकी पत्नी साधना की मुलाकात ABVP में ही हुई थी, जहां दोनो को प्रेम हुआ और फिर दोनो ने शादी कर ली।
1993 में जयराम ठाकुर ने चेच्योट सीट से चुनाव लड़ा था, जहां पर उन्हे 1951 वोटों से हारना पड़ा था। उस वक्त उनकी उम्र महज़ 27 वर्ष थी। फिर उसी साल जयराम ठाकुर को जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। 1998 में एक फिर उन्होने उसी सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार जीत हासिल की। इसके बाद से वो हर बार जीतते आए हैं भले ही भाजपा हिमाचल में अपना जादू चला पाई हो या नही। लगातार जीत के बाद जयराम ठाकुर का कद भी बढ़ता गया और 2003 में उन्हें हिमाचल में बीजेपी का उपाध्यक्ष बना दिया गया। साथ ही 2006 में राज्य के पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर सम्मानित हो गए।