US News! अमेरिका के विदेश विभाग ने मानवाधिकार पर एक वार्षिक रिपोर्ट जारी की है जिसमे कहा गया है कि भरत में सबसे ज्यादा खराब स्थिति मानवाधिकार के मसलो की है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि सर्कार में जवाबदेही की कमी है जिससे भ्रष्टाचार भी बढ़ते हैं और अपराधियों को समय पर सजा नहीं मिलती। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 2022 में प्रेस की स्वतंत्रता ,जुडिसियल कस्टडी में हत्या ,धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाली हिंसा समेत मानवाधिकार के कई घटनाएं सामने आयी है जिसे खतम करने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तरह से एनसीआरबी के आंकड़े देखने को मिलते है उससे लगता है कि भारत में मानवाधिकार के मुद्दों पर सरकार ज्यादा ध्यान नहीं देती।
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अमेरिका का विदेशी विभाग हर साल मानवाधिकार पर रिपोर्ट जारी करता है जिसमे दुनिया भर में हो रही मानवाधिकार की स्थिति का जिक्र किया जाता है। यह जानकारी अमेरिकी संसद में पेश की जाती है। इस साल की रिपोर्ट में ईरान ,उत्तर कोरिया और म्यांमार जैसे अन्य देशो के साथ ही रूस और चीन में भी बड़े पैमाने पर हुई मानवाधिकार के उलंघन की घटनाओं की आलोचना भी भी की गई है।
भारत के हिस्से की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सरकार के सभी स्तरों पर आधिकारिक भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेही की कमी है जिसे अपराधियों को समय पर सजा नहीं मिल पाती। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कानून लागु करने में ढिलाई ,प्रशिक्षित पुलिस अधिकारीयों की कमी और बोझ से दबी और संसाधनों की कमी वाली अदालती व्यवस्था के कारण ममलों में कन्विक्शन रेट काफी कम है।
बता दें कि भारत ने इससे पहले भी अमेरिकी रिपोर्ट को रिजेक्ट किया था। भारत ने कहा था कि भारत में सभी अधिकारों की रक्षा के लिए लोकतंत्र की प्रथा को और मजबूत करने की जरूत है। अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंटरनेट पर रोक ,शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने पर पाबंदी ,देश और विदेश के अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को भी प्रताड़ित किये जाने की भी घटनाये हुई है।